छत्तीसगढ़ में शहरी इलाकों की आम जनता को सस्ती दर पर शुद्ध पीने का पानी मुहैया हो सके, इसके लिए सरकार ने रायपुर समेत एक दर्जन जिलों में 150 वाटर एटीएम लगाने को मंजूरी दी. नगर पालिका और नगर निगमों ने कुछ चुनिंदा इलाको में वाटर एटीएम स्थापित भी कर दिए. साल भर होता आ रहा है लेकिन वाटर एटीएम से पानी नहीं निकल रहा है.
ये वाटर एटीएम साल भर से शो-पीस बन कर रह गए हैं. वाटर कनेक्शन के अलावा बिजली कनेक्शन भी नहीं मिल पाया है, क्योंकि नगरीय प्रशासन विभाग ने साफ नहीं किया कि वाटर एटीएम का बिजली बिल का भुगतान आखिर कौन करेगा. नतीजतन सभी 150 वाटर एटीएम सिर्फ सड़कों की शोभा बढ़ा रहे हैं. प्यासे लोग उसके करीब आते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि बिजली नहीं होने से मशीन ठप्प पड़ी है.
साल भर से नहीं मिला बिजली कनेक्शन
छत्तीसगढ़ में गर्मी के मौसम ने दस्तक दे दी है. राहगीरों के कंठ सूखने लगे है. वे ठंडे पानी की तलाश में वाटर एटीएम की ओर निहारते है, लेकिन उन्हें उस वक्त मायूसी हाथ लगती है जब पता चलता है कि साल भर से इसे बिजली मुहैया कराई ही नहीं गई है. ऐसे में प्यासे नागरिक सरकार को कोसने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते. जबकि सरकार ने भली मंशा से लोगो को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का बंदोबस्त किया था.
नगरीय निकायों के अफसरों ने फेरा पानी
वाटर एटीएम मशीन खरीदने के लिए नगरीय निकायों को अच्छा खासा बजट मुहैया कराया. लेकिन उसकी इस कवायद पर नगरीय निकायों के प्रशासन ने ही पानी फेर दिया. इसे अफसरों की भूल कहें या लापरवाही. उन्होंने वाटर एटीएम तो विभिन्न स्थानों में लगा दिया, लेकिन मशीनों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराने का ना तो कोई बंदोबस्त किया और ना ही कोई दिशा निर्देश दिए. ऐसे में वाटर एटीएम मुहैया कराने वाली कंपनी ने अपना काम कर दिया. उसने नियत स्थान पर वाटर एटीएम स्थापित किए और उसका बिल का भुगतान प्राप्त कर रुखसत हो गई.
वाटर एटीएम मशीन कई शहरो में साल भर से राहगीरों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. इस बारे में जब अफसरों को ध्यान दिलाया गया तब पता चला कि आखिर क्यों वाटर एटीएम मशीन ठप्प पड़ी हैं. हालांकि हरकत में आए अफसरों ने नगरीय प्रशासन विभाग के कर्ताधर्ताओं को इस बारे में चेताया. अब जाकर विभाग हरकत में आया है.
नगरीय प्रशासन विभाग ने साफ किया है कि वाटर एटीएम के लिए पानी और बिजली कनेक्शन संबधित नगरीय निकाय अर्थात नगर पालिका और नगर निगम के नाम से लिया जाए. इसके साथ ही बिजली कनेक्शन के लिए डिमांड नोट संबधित सेवा प्रदाता याने ठेकेदार के माध्यम से भुगतान किया जाएगा.
विभाग ने ली वाटर एटीएम की सुध
देर से ही सही लेकिन अब जाकर विभाग ने सही कदम उठाया है. उसने नगरीय निकायों के सीएमओ को पत्र लिखकर निर्देशित कर दिया. उम्मीद की जा रही है कि इस बार गर्मी में नाम मात्र के शुल्क के साथ लोगो को ठंडा पानी मुहैया होगा.
केशवानंद धर दुबे / मोनिका गुप्ता / सुनील नामदेव