पूरे देश में लॉकडाउन है लेकिन बिहार में इस वक्त भी वीआईपी जमात की बहार है. नीतीश कुमार की सरकार में वीआईपी के लिए नियम-कानून हल्के में लिए जा रहे हैं. पूरे देश ने नवादा की कहानी देखी जिसमें एक विधायक को एसडीओ ने पास जारी किया और वे गाड़ी लेकर कोटा पहुंच गए जहां से उन्हें अपनी बेटी को घर लाना था. अब खबर है कि भोजपुर में भी वीवीआईपी लोगों के बच्चों की घर वापसी के लिए मुफ्त पास बांटे गए.
बिहार में नीतीश कुमार के राज में लॉकडाउन के नियमों को कैसे ठेंगा दिखाया जा रहा है, इसकी एक और बानगी सामने आई है. भोजपुर में सदर एसडीओ ने थोक की तादाद में पास बांट दिए, ताकि वीवीआईपी लोगों के बच्चों की लॉकडाउन में घर वापसी हो सके.
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थोड़े दिन पहले ही नवादा की घटना सामने आई थी जहां विधायक की बेटी के लिए स्पेशल पास जारी हुए. अब भोजपुर के सदर एसडीओ अरुण प्रकाश ने भी वीवीआईपी लोगों की मदद करने का कारनामा कर दिखाया है. कोटा और दूसरे राज्यों में पढ़ने वाले छात्रों को बिहार वापस लाने के लिए खुलकर पास बांटे गए.
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नीतीश सरकार लगातार कह रही है कि वो बाहर से छात्रों को बिहार लाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन फिलहाल वीवीआईपी लोगों को धड़ल्ले से पास बांटने की खबरें सामने आ रही हैं. दूसरी ओर देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी भी तस्वीरें आ रही हैं जिसमें हजारों मजदूर सवारी के अभाव में पैदल अपने गांव-घर के लिए निकल गए.
इसमें बिहार के भी कई मजदूर हैं. हालांकि राज्य सरकारों ने इन्हें अपनी सीमा में रोक कर रिलीफ सेंटर में भेज दिया जहां इनके रहने और खाने का प्रबंध किया जा रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फैसला कि लॉकडाउन में लोगों को बाहर से नहीं बुलाया जाएगा जबकि दूसरी ओर वीवीआईपी लोगों को पास बांटने का मामला विवादों में आ गया है.(भोजपुर से सोनू सिंह का इनपुट)
रोहित कुमार सिंह