बिहार: लॉकडाउन में सरकारी अनाज की कालाबाजारी, ग्रामीणों ने अधिकारी को बनाया बंधक

लॉकडाउन में गरीबों को भुखमरी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए राज्य सरकार ने उन्हें मुफ्त में अनाज देने का फैसला लिया है. लेकिन डीलर गरीबों को कम अनाज देकर अनाज की कालाबाजारी करते पकड़े जा रहे हैं.

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अनाज की कालाबाजारी अनाज की कालाबाजारी

जहांगीर आलम

  • समस्तीपुर,
  • 21 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 7:26 AM IST

  • आक्रोशित लोगों ने एमओ को बनाये रखा बंधक
  • कम अनाज देने को लेकर सड़क जाम और हंगामा

सरकार ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच भुखमरी का दंश झेल रहे गरीबों को मुफ्त में अनाज देने की घोषणा की है, साथ ही अनाज पीडीएस की दुकानों में भी भेज रही है. हालांकि, इस लॉकडाउन में भी गरीबों के अनाज की कालाबाजारी करने से माफिया बाज नहीं आ रहे हैं. बिहार में जब से सरकार ने मुफ्त अनाज देना शुरू किया है तब से डीलर, राशन कार्डधारकों को कम वजन में अनाज दे रहे हैं और बाकी बचा अनाज बाजार में खुलेआम बेचा जा रहा है.

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गरीब लगातार राशन की दुकानों से राशन न मिलने की शिकायतें भी दर्ज कराते रहते हैं, लेकिन इन शिकायतों को आपूर्ति विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर रद्दी की टोकरी में डालते रहते हैं.

रविवार को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बाजितपुर में भूख से मर रहे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और कालाबाजारी के लिए पिकअप वैन पर सरकारी अनाज को आक्रोशित ग्रामीणों ने पकड़ लिया. जब इसकी जानकारी पर जांच के लिए प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (एमओ) पहुंचे तो लोगों ने उन्हें भी काफी देर तक बंधक बना लिया. आक्रोशित लोग उच्च अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गए.

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बाद में काफी संख्या में पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर बंधक बने एमओ को मुक्त कराया और डीलर के पति को हिरासत में ले लिया. वहीं, वारिसनगर प्रखंड में भी डीलर द्वारा कम अनाज देने को लेकर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दी. बाद में दोनों जगहों पर प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, इसके बाद मामला शांत हुआ.

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पहला मामला

बाजितपुर में रविवार को एक पिकअप वैन पर एक डीलर के यहां से लॉकडाउन में 58 बोरा मुफ्त में मिलने वाले सरकारी अनाज को कालाबाजारी के लिए ले जाने की सूचना पर ग्रामीणों ने गाड़ी को पकड़ लिया. उसे पंचायत के मुखिया के घर पर लगा दिया. इसकी सूचना जिला प्रशासन को रात में ही दी गई. जांच के लिए सोमवार सुबह करीब 9 बजे प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (एमओ) पहुंचे, तो ग्रामीणों की काफी भीड़ एकत्र हो गई और लॉकडाउन को भूल लोग डीलर रुणा कुमारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करने लगे.

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इस बीच एमओ की बातों से आक्रोशित हो उठे ग्रामीणों ने उन्हें बंधक बना लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़ गए. ग्रामीणों का कहना था कि डीलर द्वारा हमेशा राशन कम दिया जाता है और इसकी शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. इस लॉकडाउन में एक-एक दाने को हम लोग तरस रहे हैं और डीलर हमारे अनाज की कालाबाजारी करने में लगे हैं.

बाद में काफी संख्या में पुलिस बल के साथ पहुंचे थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य ने एमओ को मुक्त करने और सरकारी काम में बाधा न पहुंचाने की अपील की. बात नहीं मानने पर हल्का लाठीचार्ज कर एमओ को लगभग 5 घंटे बाद पुलिस ने मुक्त कराया और डीलर के पति को हिरासत में ले लिया.

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दूसरा मामला

समस्तीपुर जिले के वारिसनगर प्रखंड के अंतर्गत बसंतपुर रमणी पंचायत के लोग उस समय आक्रोशित हो गए जब डीलर सचिदानंद झा के पुत्र ने कार्ड धारकों को मुफ्त में मिलने वाला अनाज कम दिया. इसका विरोध करने पर गालीगलौज किया गया. यह बात देख काफी संख्या में ग्रामीण डीलर के पास जुट गए और उसके विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया. बाद में प्रशासन द्वारा लिखित शिकायत लेने पर आक्रोशित ग्रामीण शांत हुए.

क्या कहते हैं अधिकारी?

समस्तीपुर अनुमंडल के आपूर्ति पदाधिकारी ने कहा कि जहां से भी शिकायत मिलती है उस पर कार्रवाई की जाती है. वारिसनगर से भी मिली थी उस पर कार्रवाई की जा रही है. जहां तक बाजितपुर की बात है तो एक डीलर पर एफआईआर दर्ज की गई है. जांच में गए हमारे प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को वहां के लोगों ने बंधक बना लिया. पूरे मामले की जांच की जा रही है. दोषियों पर कार्रवाई होगी.

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