सीएम नीतीश से मिले उपेंद्र कुशवाहा, RLSP के जेडीयू में विलय की चर्चा

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जेडीयू में विलय की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की है.

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आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा (फाइल फोटो) आरएलएसपी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 01 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:26 AM IST
  • नीतीश का संदेश- जेडीयू में विलय कर ले RLSP
  • विलय के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं कुशवाहा
  • दोनों नेताओं के बीच 40 मिनट तक बातचीत

बिहार की सियासत में उथल-पुथल जारी है. नीतीश कुमार जहां बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के इकलौते विधायक को अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल करा चुके हैं. वहीं, अब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के भी जेडीयू में विलय की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. आरएलएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पहुंचकर उनसे मुलाकात की है. सीएम नीतीश से उपेंद्र कुशवाहा की यह मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली.

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जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात के दौरान आरएलएसपी और जेडीयू के विलय को लेकर चर्चा हुई. दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह भी मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक जेडीयू की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी आरएलएसपी का जेडीयू में विलय कर लें.

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बताया जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल आरएलएसपी का जेडीयू में विलय करने के लिए तैयार नहीं हैं. नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद सीएम हाउस से बाहर निकले उपेंद्र कुशवाहा के साथ बशिष्ठ नारायण सिंह भी थे. गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़कर अपनी पार्टी बना ली थी. कुशवाहा की पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा थी.

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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा भी सांसद निर्वाचित हुए थे. उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री भी बनाया गया था लेकिन जेडीयू की एनडीए में वापसी के कुछ दिन बाद कुशवाहा ने एनडीए से नाता तोड़ मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भी खराब प्रदर्शन के बाद उपेंद्र कुशवाहा के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.

 

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