बिहार के सृजन घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने शनिवार को चार्जशीट फाइल की है. सीबीआई ने आईएएस अधिकारी और भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया और 59 अन्य आरोपियों के खिलाफ ये चार्जशीट दाखिल की है.
सीबीआई ने घोटाले से संबंधित तीन चार्जशीट फाइल की हैं. सीबीआई द्वारा फाइल की गई चार्जशीट 91.50 करोड़ के फंड से गबन के संबंधित है. तीनों चार्जशीट में आरोपियों पर सृजन एनजीओ के अन्य पदाधिकारियों के साथ 2008 से 2014 के बीच कई करोड़ रुपये का घपला करने का आरोप लगाया है.
क्या है सृजन घोटाला?
बताया जाता है कि बिहार का यह सृजन घोटाला एनजीओ, नेताओं, सरकारी विभागों और अधिकारियों द्वारा मिलकर किया गया घोटाला है. जानकारी के मुताबिक विकास के नाम पर भेजे गए पैसे को एनजीओ के अकाउंट में पहुंचाया गया. इसके बाद उस पैसे को बांटा गया.
पुण्यतिथि विशेषः मांझी न बजाओ वंशी, केदारनाथ अग्रवाल की कविता का स्थापत्य
सरकारी फंड के गबन से जुड़े इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बिहार सरकार ने जांच के आदेश दिए थे. फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई के पास है. सीबीआई ने सृजन घोटाले में 25 अगस्त 2017 को एफआईआर दर्ज करते हुए इसकी जांच शुरू की.
मन की बात में बोले मोदी- लद्दाख में भारत की भूमि पर आंख उठाने वालों को करारा जवाब मिला
जानकारी के मुताबिक साल 2007-08 में भागलपुर में सृजन को-ऑपरेटिव बैंक खोला गया. इसके बाद विकास के नाम पर आने वाला सरकारी पैसा इस बैंक के खाते में ट्रांसफर होता था और इसके बाद यह पैसा यहां से निकालकर बाजार में पहुंचाया जाता था. इस पैसे को खपाने के लिए कई एनजीओ भी बने. बताया जाता है कि इन एनजीओ के नाम पर अधिकारियों ने ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदला और करोड़ों रुपये का घोटाला किया.
रोहित कुमार सिंह