पूर्व केंद्रीय मंत्री और एलजेपी के दिवंगत नेता रामविलास पासवान की शुक्रवार को पहली पुण्य तिथि मनाई गई. इस मौके पर रामविलास के बेटे चिराग पासवान ने दिल्ली में तो उनके भाई पशुपति पारस ने पटना में आयोजन किया. पटना में बिहार के राज्यपाल फागु चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेताओं ने राम विलास पासवान को श्रद्धांजलि दी.
इस दौरान पशुपति पारस ने खुद को रामविलास पासवान का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया. पशुपति पारस ने कहा, ''रामविलास पासवान ही उन्हें राजनीति में लेकर आए. इससे पहले मैं शिक्षक था. उन्होंने हर बार अपनी सीट मुझे विरासत के तौर पर दी, चाहें विधानसभा की अलौली सीट हो या लोकसभा में हाजीपुर सीट. उन्होंने कहा, इन सीटों से मैं रिकॉर्ड मतों से जीता.
चिराग की वजह से टूटी पार्टी
पशुपति पारस ने कहा, चिराग पासवान की वजह से पार्टी टूटी. चिराग ने मुझे पार्टी से निष्कासित करने की धमकी दी. मुझे चिराग ने जलील किया. अब चिराग के साथ कभी मेल नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, मैं मरते वक्त तक एनडीए के साथ में रहूंगा.
पशुपति ने रामविलास पासवान को याद करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने कहा, हम तीनों भाइयों में काफी प्यार था. अब क्या हो गया. उन्होंने कहा, ये सब देखकर मुझे काफी दुख होता है.
'हमारे पक्ष में आएगा फैसला'
पशुपति पारस ने कहा कि उनकी राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी ही असली पार्टी है क्योंकि 6 सांसद साथ हैं. उन्होंने कहा, पार्टी की कार्यकारणी में मेरा बहुमत है. मुझे उम्मीद है कि 5 नवंबर के बाद चुनाव आयोग का हमारे पक्ष में फैसला होगा और चुनाव चिन्ह बंगला भी हमे वापस मिल जाएगा.
सुजीत झा