एक समय गौरैया चिड़िया हमारे रोजमर्रा के जीवन में कहीं न कहीं कूदती-फुदकती नजर आती थी. लेकिन पिछले कुछ सालों में चिड़ियों के इस प्रजाति को शायद किसी की नजर लग गई है और धीरे-धीरे हमसे दूर होती गई. इसी विषय पर पटना के लेखक पत्रकार संजय कुमार ने एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया है. 'मैं जिंदा हूं...गौरैया' की थीम पर एक फोटो प्रदर्शनी लहाई जिसे देखने के लिए काफी युवा आए.
कालेज ऑफ कामर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना के ‘स्ट्राइड’ कार्यक्रम के अवसर पर संजय कुमार द्वारा खींची गौरैया की फोटो की प्रदर्शनी लगाई गई. तीन दिन की इस फोटो प्रदर्शनी को देखने के लिए बड़ी तादात में छात्रों और दर्शकों आए. इस दौरान सेल्फी और फोटो खीचने- खिचवाने का सिलसिला खूब चला.
गौरेया को बचाने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे
इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देय गौरैया संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूकता लाना था. वहीं, संजय कुमार ने कहा कि सिर्फ प्रदर्शनी में चि़त्रों को देख कर काम नहीं चलेगी. इस दिशा में कुछ बड़े कदम उठाने होंगे. इसमें सरकार के साथ-साथ आम आदमी को भी काम करना होगा.
इस मौके पर गौरैया की विभिन्न अदाओं की 30 फोटो की प्रदर्शनी के दौरान सबसे अलग फोटो पहचानने की प्रतियोगिता भी रखी गई थी. जिसमें लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था.
अमित रायकवार / सुजीत झा