बिहार के क्वारनटीन सेंटर में RO का पानी नहीं मिलने से नाराजगी

बिहार के क्वारनटीन सेंटर में प्रवासियों को सुबह के नाश्ते के अलावा दोपहर और रात का भोजन दिया जाता है. दोपहर के भोजन में चावल, दाल, सब्जी और आचार शामिल है. अधिकतर प्रवासी व्यवस्था से संतुष्ट है तो कुछ का कहना है कि रोज-रोज चावल रोटी खा कर बोर हो गए हैं.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

aajtak.in

  • पटना,
  • 29 मई 2020,
  • अपडेटेड 11:46 PM IST
  • बिहार के क्वारनटीन सेंटर में अब तक करीब 13 लाख लोग रहे
  • क्वारनटीन सेंटर में 6 लाख लोगों ने समय पूरा किया, घर लौटे
  • प्रवासी लोगों के लिए सरकार ने हर दिन के खाने का मैन्यू तय किया

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी लोग अपने-अपने घरों और शहरों की ओर लौटने को मजबूर हुए. बिहार में भी बड़ी संख्या में लौट लौटे. बिहार सरकार ने वापस लौट रहे लोगों के लिए कई जगहों पर क्वारनटीन सेंटर्स बना रखे हैं जहां पर लोग 14 दिन रहते हैं और फिर वापस अपने घर जाते हैं.

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क्वारनटीन सेंटर्स में सरकार हर तरह की सुविधा देने का दावा करती है लेकिन वहां रहने वाले लोगों में से कई इससे संतुष्ट नहीं हैं. पटना के एक क्वारनटीन सेंटर में जालंधर से लौटे विक्की कुमार की शिकायत है कि खाना तो ठीक है लेकिन आरओ का पानी नहीं मिलने से उन्हें परेशानी हो रही है. 

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विक्की चंडीगढ़ के जिस कंपनी में काम कर रहे थे वो बंद हो गई. लिहाजा वह गांव लौटने को मजबूर हुए. पंजाब में ही बचपन गुजारने वाले विक्की अब अपने गृह प्रदेश बिहार लौटे हैं क्योंकि उन्होंने पता चला है कि बिहार सरकार लोगों को नौकरी दे रही है.

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पटना जिले के रहने वाले विक्की के पिता करीब 18 साल पहले मजदूरी करने पंजाब गए और फिर वहीं रह गए. विक्की की बोली भाषा सब बदल गई है, लेकिन अब बिहार में रहकर नौकरी करना चाहता है.

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क्वारनटीन सेंटर में प्रवासियों को सुबह का नाश्ता और दोपहर तथा रात का भोजन दिया जाता है. दोपहर के भोजन में चावल, दाल, सब्जी और आचार शामिल है. अधिकतर प्रवासी व्यवस्था से संतुष्ट है तो कुछ का कहना है कि रोज-रोज चावल रोटी खा कर बोर हो गए हैं.

एक आदमी पर एक दिन का खर्च 125 रुपये
राज्य सरकार ने अलग-अलग दिनों के लिए खाने मैन्यू भी तय रखा है. कितनी मात्रा में खाना और नाश्ता देना है यह भी तय है. सरकार ने प्रति प्रवासी 50 रुपये दोपहर और 50 रुपये रात के भोजन पर और 25 रुपये चाय नाश्ते के लिए फिक्स कर रखा है.

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इस तरह से राज्य सरकार एक प्रवासी पर प्रति दिन 125 रुपये खर्च कर रही है. इस तरह से 14 दिनों के क्वारनटीन पीरियड पर खाने पर पूरा खर्च हुआ 1750 रुपये प्रति प्रवासी.

बिहार सरकार ब्लॉक स्तर के क्वारनटीन सेंटर्स में आने वाले सभी प्रवासियों को एक वेलकम या डिग्निटी किट देती है जिसमें उपयोग में लाए जाने वाले तमाम सामान के साथ पहनने वाले कपड़े भी होते हैं. इसके अलावा उनके सोने और रहने के लिए दरी चादर और मच्छरदानी भी होती है.

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14 दिन का खर्च 3,750
सरकार के मुताबिक वो 14 दिन के क्वारनटीन पीरियड खत्म होने के बाद कम से कम 1,000 रुपये नकद प्रति प्रवासी दे रही है. 600 रुपये मूल्य का डिग्निटी किट होता है और 400 रुपये बेड तथा मच्छरदानी पर खर्च होते हैं.

कुल मिलाकर 14 दिनों के क्वारनटीन सेंटर पर प्रति व्यक्ति खर्च 3,750 रुपये आता है. इसके अलावा जिन प्रवासियों को ट्रेन का किराया देना पड़ा था. उन्हें टिकट का पैसा के साथ 500 रुपये देने का वायदा किया गया है.

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बिहार में अभी तक लगभग 14 हजार क्वारनटीन सेंटर्स में लगभग 13 लाख प्रवासी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं और इनमें से लगभग 6 लाख अपना क्वारनटीन सेंटर पीरियड पूरा कर घर जा चुके है, जबकि 7 लाख प्रवासी अभी भी इन क्वारनटीन सेंटर्स में मौजूद हैं.

 


 

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