बिहार: प्याज के फेर में फंसे पासवान, मुजफ्फरपुर में शिकायत दर्ज

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के खिलाफ प्याज की बढ़ी कीमतों के लेकर परिवाद दायर किया गया है. यह परिवाद बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित सीजेएम कोर्ट में दायर किया गया है. पासवान के खिलाफ यह शिकायत प्याज के बढ़ते दाम पर नियंत्रण नहीं करने को लेकर दर्ज कराई गई है.

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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (फाइल-IANS) केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (फाइल-IANS)

aajtak.in

  • मुजफ्फरपुर ,
  • 07 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:11 PM IST

  • मुजफ्फरपुर स्थित सीजेएम कोर्ट में केस दायर
  • प्याज की कीमतों पर कंट्रोल नहीं करने का आरोप

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के खिलाफ प्याज की बढ़ी कीमतों के लेकर परिवाद दायर किया गया है. यह परिवाद बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित सीजेएम कोर्ट में दायर किया गया है. पासवान के खिलाफ यह शिकायत प्याज के बढ़ते दाम पर नियंत्रण नहीं करने को लेकर दर्ज कराई गई है.

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प्याज के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी दिल्ली समेत देश के ज्यादातर शहरों में प्याज की कीमत 100 से 120 रुपये तक पहुंच गई है और कई जगह इससे भी ज्यादा महंगी (150 रुपये किलो) प्याज बिक रही है. प्याज की कीमत पिछले काफी समय से बढ़ी हुई है. इससे लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.

अब मुजफ्फरपुर में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्री राम विलास पासवान के खिलाफ प्याज की बढ़ी कीमतों के लिए केस दर्ज कराया गया है.

प्याज सड़ने की जांच होः AAP

इससे पहले पिछले दिनों 32000 टन प्याज सड़ने और उसमें घोटाले का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखते हुए जांच करवाने की मांग की. उन्होंने यहां तक कहा कि अगर रामविलास पासवान ने पत्र का जवाब नहीं दिया तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा.

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आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह, सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता का कहना है कि खुद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में स्वीकार किया कि 32000 टन प्याज सड़ गया है. प्याज सड़ने को लेकर क्या कार्रवाई की गई? साथ ही इसको लेकर क्या किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई या सिर्फ कागजों में ये मुद्दा पड़ा है.

उनका कहना था कि यह एक घोटाला है. जब प्याज उनके पास इतना ज्यादा पड़ा हुआ था तो आखिर इसे राज्यों और जनता को सस्ते दामों में क्यों नहीं दिया गया

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