पटना: बेली रोड हादसे पर नीतीश सरकार ने दिए जांच के आदेश

पटना की लाइफलाइन माने जाने वाला बेली रोड रविवार को धंस गई. इसके बाद सरकार ने लोहिया पथ चक्र और पटना मेट्रो रेल परियोजना की फिर से समीक्षा करने का फैसला लिया है साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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बेली रोड धंसने के बाद सरकार ने दिए जांच के आदेश  बेली रोड धंसने के बाद सरकार ने दिए जांच के आदेश

सुजीत झा / देवांग दुबे गौतम

  • पटना,
  • 29 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:48 PM IST

बिहार की राजधानी पटना में भारी बारिश से बेली रोड के धंसने के बाद सरकार ने लोहिया पथ चक्र और पटना मेट्रो रेल परियोजना की फिर से समीक्षा करने का फैसला लिया है. सरकार मान रही है कि 100 साल पुराने बेली रोड का धंस जाना बड़ी दुर्घटना का संकेत है. लिहाजा उस रोड पर कोई भी नया ढांचा खड़ा करने से पहले हजार बार सोचा जायेगा. सरकार ने मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं.

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पटना की लाइफलाइन माने जाने वाला बेली रोड अंग्रेजों के समय बनाया गया था. 100 साल से भी ज्यादा पुरानी ये सड़क कभी धंसी नहीं थी. लेकिन इस बार दो दिनों की बारिश में सड़क ध्वस्त हो गई. ये घटना बेली रोड पर बीपीएससी के पास हुई, जहां लोहिया पथ चक्र के निर्माण का काम चल रहा है.

बेली रोड पर ललित भवन से लेकर हड़ताली मोड़ तक बनने वाला लोहिया पथ चक्र नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस पथ चक्र से पूरे इलाके में जाम की समस्या खत्म होने वाली थी. लेकिन लोहिया पथ चक्र के एलिवेटेड रोड के बनने से पहले ही सड़क धंस गई. घटनास्थल को देखने पहुंचे नीतीश कुमार भी ये नजारा देखकर सकते में आ गए.

नीतीश कुमार ने बेली रोड का हाल देखने के बाद यहां होने वाले सभी निर्माण कार्य को फिलहाल रोकने का निर्देश दिया है. इसमें लोहिया पथ चक्र के साथ साथ प्रस्तावित पटना मेट्रो भी शामिल है. जहां बेली रोड धंसी है वहीं से पटना मेट्रो का अंडरग्राउंड रूट गुजरना है.

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इन दोनों का काम फिलहाल रोकने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब नए सिरे से विशेषज्ञों से बात होगी. एक्सपर्ट इसकी जांच पड़ताल करेंगे फिर आगे का फैसला होगा. मौके का मुआयना करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दरअसल, बेली रोड के जिस हिस्से में घटना हुई है वह सोन नदी की पुरानी धारा का मार्ग रहा है. विशेषज्ञ बता चुके हैं कि दो-तीन सौ साल पहले उसी रास्ते से सोन नदी बहा करती थी. बाद में सोन नदी ने अपनी धारा बदल ली. इसके बाद पुरानी धारा को समतल कर बेली रोड और मंत्री-विधायकों के कार्यालय और आवास बना लिये गए.

अब भी उस इलाके में बोरिंग कराने पर सोन नदी की तरह का बालू निकलता है. यानि जमीन के अंदर बालू भरा है. ऐसे में वहां किसी तरह का बड़ा स्ट्रक्चर खड़ा करना खतरनाक हो सकता है. मुख्यमंत्री ने इन्हीं तथ्यों को देखते हुए एक्सपर्ट की टीम बुलाने को कहा है. वे पूरी जांच पड़ताल करेंगे और तभी लोहिया पथ चक्र और पटना मेट्रो का काम शुरू होगा.

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