बिहार में सारण तटबंध के टूटने से बाढ़ के पानी का सैलाब अभी भी चारों तरफ बना हुआ है. नए नए क्षेत्रों को ये पानी प्रभावित कर रहा है. सिधवलिया प्रखंड के प्रायः सभी पंचायत को बाढ़ के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है.
सिधवलिया थाना परिसर में इतना पानी है कि पुलिस अधिकारियों को नाव से आना-जाना पड़ रहा है. नाव की मौजूदगी ही पुलिस का आजकल सहारा है. वहीं जब्त वाहन बाढ़ के पानी में डूबे पड़े हैं. सड़कों पर 3 से 5 फीट पानी का बहाव लोगों के लिए समस्या का सबब बना हुआ है.
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दूसरी तरफ, सिधवलिया के भारत सुगर मिल्स के परिसर में 5 से 3 फीट तक बाढ़ का पानी होने से फैक्ट्री को काफी नुकसान हुआ है.कर्मियों को पानी में ही चलकर ड्यूटी करनी पड़ रही है. सिधवलिया चीनी मिल्स, गोपालगंज के राकेश कुमार सिंह बताया कि 25 जुलाई को चीनी मिल्स में बाढ़ का पानी आ गया था. उसी समय से सभी बेहाल हैं. यह पानी कहीं 5 फीट तो कहीं 4 फीट है. ग्राउंड फ्लोर में जितने कर्मी रहते थे, उन्हें छत पर टेंट डालकर रखा गया है. कंपनी सभी को दोनों वक्त का भोजन मुहैया करा रही है.
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आलम यह है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को मजबूरी में सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर अपना आशियाना बना कर गुजर करना पड़ रहा है.जगह की कमी होने की वजह से रेल पटरी के किनारे प्लास्टिक डालकर आशियाने जान की बाजी लगाकर बनाये गए हैं जबकि
प्रशासनिक स्तर पर व्यवस्था नगण्य है.
सुनील कुमार तिवारी