ऑनलाइन खुदराः अटक गया सौदा

फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रीटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपए के सौदे को अभी रोक कर रखने को कहा गया है

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गले की हड्डी नोएडा के ग्रेट इंडिया प्लेस मॉल में बिग बाजार स्टोर गले की हड्डी नोएडा के ग्रेट इंडिया प्लेस मॉल में बिग बाजार स्टोर

एम.जी. अरुण

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

अमेजन की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय विवाद निवारण केंद्र (एसआइएसी) ने भारत के रीटेल बाजार में हाल के सबसे बड़े सौदों में से एक का खेल बिगाड़ दिया. एसआइएसी ने वैश्विक ई-टेल दिग्गज अमेजन की याचिका पर अपने अंतरिम आदेश के जरिए फ्यूचर ग्रुप को अपना खुदरा कारोबार रिलायंस रीटेल को बेचे जाने पर रोक लगा दी. इसके साथ ही दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन खुदरा कारोबारी अमेजन और भारत की सबसे बड़ी निजी फर्म रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस रीटेल के बीच तलवारें खिंच गई हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मई में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में जोर-शोर से प्रवेश किया था और इस साल जुलाई में अपना जियोमार्ट ऐप शुरू किया था.

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पिछले साल 2,000 करोड़ रु. के एक सौदे में अमेजन ने फ्यूचर रीटेल की प्रमोटर कंपनी फ्यूचर कूपंस में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली थी. खबरों के मुताबिक, अमेजन का दावा था कि इस सौदे में 'कॉल ऑप्शन' की शर्त शामिल थी जिससे उसे फ्यूचर रीटेल में फ्यूचर कूपंस की पूरी या आंशिक हिस्सेदारी हासिल करने का अधिकार मिल गया था. सौदे पर दस्तखत होने के बाद तीसरे और दसवें वर्ष के बीच किसी भी समय इस शर्त का इस्तेमाल किया जा सकता था.

उसका यह भी कहना था कि सौदे के मुताबिक, फ्यूचर ग्रुप अगर किसी तीसरी पार्टी के साथ बिक्री का कोई सौदा करने जा रहा है तो उसे इस बारे में अमेजन को पहले बताना होगा. इस प्रकार फ्यूचर रीटेल और रिलायंस के बीच सौदे से पहले अमेजन से परामर्श जरूरी था. इस आधार पर अमेजन का तर्क था कि फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रीटेल के बीच 24,713 करोड़ रु. का सौदा अनुबंध के अधिकारों का उल्लंघन था.

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26 अक्तूबर को शेयर बाजार को दिए गए एक बयान में फ्यूचर रीटेल ने कहा कि रिलायंस रीटेल से उसका समझौता भारतीय कानून और इंडियन आर्बिट्रेशन ऐक्ट के प्रावधानों के तहत आता है और 'यह मामला कई मौलिक न्यायाधिकरण क्षेत्र के मुद्दों से जुड़ा है जो इसकी जड़ तक जाता है. इस तरह, इस आदेश की परीक्षा इंडियन आर्बिट्रेशन ऐक्ट के प्रावधानों के तहत एक समुचित फोरम पर होनी चाहिए.' 25 अक्तूबर को रिलायंस रीटेल ने कहा कि उसने 'समुचित कानूनी सलाह' के तहत फ्यूचर रीटेल के साथ सौदा किया था और सारे 'अधिकार और दायित्व भारतीय कानून के तहत आते हैं.' उसका कहना था कि वह अविलंब यह सौदा पूरा करना चाहता था. अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ''आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया के तीव्र निष्कर्ष के लिए प्रतिबद्ध'' है.

रिपोर्टों से पता चलता है कि एसआइएसी ने अमेजन से एक हफ्ते के भीतर प्रस्ताव पेश करने को कहा है जिसमें यह बताया जाए कि अंतिम फैसला अगर उसके पक्ष में जाता है तो फ्यूचर रीटेल के लिए उसकी योजना क्या होगी? अगर अमेजन मुकदमा जीतता है और अपने कॉल ऑप्शन का उपयोग करने का फैसला करता है तो उसे फ्यूचर रीटेल में प्रमोटर की हिस्सेदारी को खरीदना होगा और छोटे शेयरधारकों से शेयर खरीदने के लिए एक खुली पेशकश करनी होगी. सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि एसआइएसी का आदेश भारत में किस तरह लागू किया जाएगा—इसे लागू किए जाने से पहले इसे किसी भारतीय अदालत से मंजूरी लेनी होगी.

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रिलायंस रीटेल के साथ फ्यूचर रीटेल का सौदा 1.2 लाख करोड़ रु. के कारोबार का है जो डीमार्ट स्टोर चलाने वाली उसकी सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी एवेन्यू सुपरमार्ट्स के कारोबार से चार गुना ज्यादा है. यह सौदा रिलायंस रीटेल को अपना पैर पसारने में मददगार साबित होगा, खासकर परिधानों और किराना के बाजार में. अकेले किराना ही भारत के खुदरा क्षेत्र में कुल 737 अरब डॉलर (54 लाख करोड़ रु.) के कारोबार का 60 फीसद हिस्सा रखता है. इसलिए किराना के बाजार में एक बड़े हिस्से पर काबिज होना खुदरा कारोबार के लिए बहुत अहम होगा.

एक अन्य क्षेत्र जिसमें इस सौदे के जरिए रिलायंस रीटेल अपनी मौजूदगी बनाना चाहता है, वह है फैशन और लाइफस्टाइल का कारोबार, जिसमें इसके 20 प्रतिशत स्टोर हैं तथा इसकी सालाना 8 प्रतिशत बिक्री शामिल है. फ्यूचर लाइफस्टाइल अपनी रीटेल शृंखला जैसे सेंट्रल और ब्रान्ड फैक्टरी में करीब 400 स्टोरों और करीब तीन दर्जन परिधानों के ब्रांड जैसे ली कूपर और इंडिगो नेशन का प्रबंध देखता है.

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