IMPACT FEATURE: कुछ ऐसे हो रहा है भारत में शिक्षा का कायाकल्प

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विशेष सॉफ्टवेयर और छात्र प्रतिक्रिया तकनीकों से लैस स्मार्ट क्लासरूम पर आधारित आधुनिक शिक्षण पद्धति ने छात्रों को  आसानी से समझाने, उनका संचार कौशल सुधारने और सीखने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है.

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गलगोटिया विश्वविद्यालय गलगोटिया विश्वविद्यालय

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST

भारत के शिक्षण संस्थानों में तकनीक का प्रयोग बढ़ने के बाद अनुभवजन्य शिक्षण यानी एक्सपीरियंशियल ऐक्टिव लर्निंग का चलन बढ़ा है. इसके बाद छात्रों के सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद जगी है. इतना ही नहीं नई शिक्षण पद्धति से शिक्षकों और छात्रों के बीच की खाई भी कम हुई है. इस व्यवस्था में छात्रों के लिए शिक्षा को प्रभावी बनाने वाली जरूरी चीजों में स्मार्ट क्लासरूम भी शामिल है.

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विशेष सॉफ्टवेयर और छात्र-प्रतिक्रिया तकनीकों से लैस स्मार्ट क्लासरूम पर आधारित आधुनिक शिक्षण पद्धति ने छात्रों को  आसानी से समझाने, उनका संचार कौशल सुधारने और सीखने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है. साथ ही नवीनतम उच्च तकनीकी से लैस प्रयोगशालाओं और औद्योगिक विशेषज्ञों की मदद से वास्तविक दुनिया में छात्रों के लिए फायदेमंद साबित होने वाले पाठ्यक्रम डिजाइन ने छात्रों को कक्षा में उपस्थित रहने के प्रति उत्सुक बनाया है. इससे सीखने की प्रक्रिया छात्रों के लिए सचमुच में ज्ञानवर्धक और आनंददायी हो गई है.

गलगोटिया विश्वविद्यालय (जीयू) भी ऐसा संस्थान है जिसके पाठ्यक्रम में इन सारी बातों के अलावा भी बहुत कुछ शामिल किया गया है. जीयू पाठ्यक्रम को ही अपने अस्तित्व का केंद्र मानता है. गलगोटिया विश्वविद्यालय का कैंपस 52 एकड़ में फैला है. यहां शिक्षण प्रक्रिया डिजिटलाइज्ड है और मूल्यांकन प्रणाली भी वेब-आधारित है. इसके अलावा, यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की उच्च तकनीक वाली प्रयोगशालाएं और गतिविधि केंद्र हैं. जिनकी गिनती दुनिया भर में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं में की जाती है.

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जीयू में लागू शिक्षण तकनीक में रोल-प्ले, केस स्टडी, सिमुलेशन और इंडस्ट्रियल टूर जैसे उपायों का इस्तेमाल किया जाता है. इससे छात्रों में मजबूत सैद्धांतिक नींव पड़ने के साथ ही उनमें ज्ञान और क्षमता का विकास होता है और अलग-अलग संदर्भों में अर्जित ज्ञान का प्रयोग करने की क्षमता पैदा होती है. यहां चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत छात्रों को ज्ञान की विभिन्न शाखाओं के उन विषयों को चुनने की स्वतंत्रता है जिनमें उनकी सबसे अधिक रुचि हो. उदाहरण के लिए, इंजीनियरिंग का कोई छात्र मानविकी या अर्थशास्त्र या फिर नृत्य अथवा अभिनय जैसे विषयों के एक पाठ्यक्रम का विकल्प चुनने के लिए स्वतंत्र है, ताकि वह अपनी प्राथमिक के साथ ही दूसरे शैक्षणिक रुचियों को भी आगे बढ़ा सके.

जीयू ने दुनिया भर के कुछ शीर्ष विश्वविद्यालयों के साथ रणनीतिक साझेदारी की है. जिनकी मदद से यहां छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का शैक्षिक अनुभव मिलता है. गलगोटिया विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम छात्रों को आजीवन सीखने के लिए तैयार रहने वाला व्यक्ति बनाते हुए उनमें विश्लेषणात्मक और नेतृत्व कौशल विकसित करते हैं.

गलगोटिया विश्विद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया कहते हैं, ''समकालीन उद्योग 4.0 अवधारणाओं से जुड़े नए तकनीकी कौशल सीखने की अकादमिक छलांग लगाना जरूरी है. गलगोटिया में हमने निर्धारित कर रखा है कि तकनीकी पाठ्यक्रमों के सभी स्कूल अपने पाठ्यक्रम पर लगातार पुनर्विचार करें. यही वजह है कि यहां कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), डीप लर्निंग, मशीन लर्निंग, क्रिप्टो करेंसी, डेटा माइनिंग, बिजनेस एनालिटिक्स और रोबोटिक्स से संबंधित पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं."

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वर्ष 2011 में स्थापित हुए गलगोटिया विश्वविद्यालय के हजारों छात्र अपने व्यावसायिक जीवन में स्थापित हो चुके हैं. इस छोटी सी अवधि में यह विश्वविद्यालय देश के अग्रणी शैक्षिक संस्थान के रूप में पहचान बनाने में सफल रहा है.

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