भारत में हर साल यहां जितनी फ़िल्में बनाई जाती हैं, उतनी दुनिया के किसी भी देश में नहीं बनाई जातीं. ऐसा इसलिए है कि यहां हमेशा से हर प्रकार की फिल्मों की भारी डिमांड रही है. हां, वक़्त के साथ लोगों की पसंद-नापसंद में थोड़ा फर्क ज़रूर आया है. मिसाल के तौर पर अब लोग मनोरंजक फिल्मों के अलावा गंभीर विषयों पर बनी फ़िल्में देखना भी काफी पसंद करते हैं. इसके बावजूद कई बार ऐसा मन करता है कि कोई ऐसी मज़ेदार फिल्म देखी जाए जिसमें मनोरंजन कूट-कूट कर भरा हो और जिसे देखते समय ज़्यादा दिमाग ना लगाना पड़े. ऐसी ही एक मसाला एंटरटेनर आज ZeePlex पर रिलीज़ की गयी है जिसका नाम है 'खाली पीली'.
क्या है 'खाली पीली' की कहानी?
विजय उर्फ़ ब्लैकी (ईशान खट्टर) एक तेज़-तर्रार टैक्सी ड्राइवर है जो ज़रूरत पड़ने पर मार-पीट करने से भी पीछे नहीं हटता. बचपन में विजय अपने डरपोक बाप के साथ मिलकर लोगों को खूब चूना लगाया करता था. लेकिन एक दिन जब पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंच जाती है, तो ये नन्हा सा बालक बन्दूक की नोक पर वहां से फरार हो जाता है और जा कर रुकता है सीधा मुंबई. वहां उसकी मुलाक़ात होती है यूसुफ़ चिकना (जयदीप अहलावत) से. यूसुफ़ एक क्रूर अपराधी है जो ना जाने कितनी ही मासूम लड़कियों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेल चुका है. उसकी सरपरस्ती में विजय सिनेमाघरों के बाहर ब्लैक में टिकेटें बेचना शुरू कर देता है और वहीं से उसका नाम ब्लैकी पड़ जाता है.
एक दिन टिकट बेचते बेचते ब्लैकी की मुलाक़ात पूजा से होती है और वो उसे पसंद करने लगता है. लेकिन इससे पहले बचपन का ये प्यार उड़ान ले पाता, एक अमीर सेठ यूसुफ से पूजा को खरीद लेता है और वो ब्लैकी की ज़िन्दगी से गायब हो जाती है. लेकिन उनकी कहानी यहां ख़त्म नहीं होती. कई सालों बाद पूजा (अनन्या पांडे) अपने अठारहवें जन्मदिन पर ढेर सारे पैसे और ज्वेलरी से भरा बैग ले कर यूसुफ के चंगुल से भाग जाती है. यूसुफ के आदमियों से पीछा छुड़ाने के लिए पूजा ब्लैकी की काली-पीली टैक्सी में कूद जाती है. हालाँकि उस वक़्त दोनों एक दूसरे को पहचान नहीं पाते, ब्लैकी एक शर्त पर पूजा को आज़ादी दिलाने का वादा करता है - पूजा को बैग में रखे पैसे और ज्वेलरी का आधा हिस्सा ब्लैकी को देना होगा.
तो क्या ब्लैकी अपना वादा निभा पाएगा? क्या पुलिस और यूसुफ के गुंडे उन्हें पकड़ने में कामयाब होंगे? इन सवालों के जवाब तो आपको फिल्म देख कर ही मिलेंगे.
अभिनय एवं किरदार
ईशान खट्टर ब्लैकी के रोल में काफी जंचे हैं. फिर भले ही वो उनका टपोरी अंदाज़ हो, या बोल-चाल का तरीका, सब कुछ हूबहू मुंबई के टैक्सी चालकों जैसा है. अपने ज़बरदस्त अभिनय और चॉकलेटी चेहरे के चलते ईशान ने अपनी भूमिका में जान फूँक दी है. वहीं अनन्या पांडे ने 'खाली पीली' में अभी तक के अपने करियर का सबसे बेहतरीन अभिनय किया है. अपने इंटेंस अभिनय के लिए मशहूर अभिनेता जयदीप अहलावत यहां भी फुल फॉर्म में दिखे हैं. एक खूंखार विलेन के रूप में लम्बे-चौड़े जयदीप काफी खतरनाक लगे हैं. साथ ही फिल्म में सतीश कौशिक, ज़ाकिर हुसैन, अनूप सोनी और स्वानंद किरकिरे ने भी ज़रूरी भूमिकाएं निभाई हैं.
लेखन और निर्देशन
'खाली पीली' निर्देशक मक़बूल खान की पहली फिल्म है, लेकिन फिल्म देख कर ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता. यह फिल्म उन्होंने काफी आत्मविश्वास के साथ बनाई है और उनकी प्रतिभा हर सीन में साफ़ दिखाई पड़ती है. फिल्म की स्क्रिप्ट शुरुआत से लेकर आखिर तक काफी टाइट है, जिसके चलते आप एक सेकंड के लिए भी बोर नहीं होंगे.
कहां देखें 'खाली पीली'?
'खाली पीली' केवल ZeePlex पर देखी जा सकती है. ये फिल्म वहां पे-पर-व्यू पर 299 रूपये में उपलब्ध है. एक बार ये फिल्म खरीदने के बाद आप अगले 6 घंटे में ये फिल्म कभी भी देख सकते हैं. हमारी मानें तो ये डील काफी सही है. ZeePlex पर 'खाली पीली' देखने के लिए यहां क्लिक करें.
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