जो लोग बहुत अधिक शराब पीते हैं, उनमें ब्लीडिंग स्ट्रोक का जोखिम उन लोगों की तुलना में करीब 10 साल पहले हो सकता है जो बहुत अधिक शराब नहीं पीते हैं. औक ये बात हम नहीं अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की ऑफिशिअल मैग्जीन न्यूरोलॉजी पब्लिश हुई स्टडी कहती है. स्टडी में पाया कि अधिक शराब पीने वालों में मस्तिष्क संबंधी छोटी ब्लड वेसिल्स डिजीज के लक्षण दिखने की अधिक संभावना होती है जो एक प्रकार की दीर्घकालिक मस्तिष्क डैमेज होने की स्थिति है.
क्या कहती है स्टडी?
मास जर्नल बर्गिंघम और हॉवर्ड मेडिल स्कूल के रिसर्चर्स का कहना है कि कि इस तरह के भारी शराब सेवन से मस्तिष्क के अंदर ब्लीडिंग जैसी खतरनाक स्ट्रोक युवा उम्र में आ सकती है और वह भी अधिक गंभीर रूप में. आसान शब्दों में समझें तो जो लोग नियमित रूप से प्रतिदिन तीन पैग या अधिक शराब पीते हैं उनमें मस्तिष्क में ब्लीडिंग के कारण होने वाले स्ट्रोक के प्रकार इंट्रासेरेब्रल ब्लीडिंग (Intracerebral Hemorrhage) का जोखिम अधिक होता है.
1600 मरीजों का हुआ विश्लेषण
इस रिसर्च में 1600 ऐसे मरीजों का विश्लेषण हुआ था जिन्हें 2003 से 2019 के बीच मस्तिष्क में ब्लीडिंग के कारण हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. इनमें से लगभग 7 प्रतिशत ने बताया था कि वे प्रतिदिन 3 या उससे अधिक ड्रिंक्स लेते थे. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने अधिक शराब का सेवन किया था, उन्हें औसतन उम्र 64 वर्ष में मस्तिष्क ब्लीडिंग की शिकायत हुई थी जब कि जिन लोगों ने कम सेवन की थी उनकी औसत उम्र 75 वर्ष थी. यानि करीब 11 वर्ष बाद.
एक्सपर्ट्स का कहना है अधिक शराब पीने वालों को सिर्फ जल्दी स्ट्रोक की ही शिकायत नहीं हुई बल्कि उनकी स्थिति भी गंभीर हो गई थी. साथ ही साथ जिन लोगों को ये शिकायत हुई थी वो 70 प्रतिशत अधिक खतरनाक थी और उससे होने वाली ब्लीडिंग दिमाग के गहरे भागों में या लिक्विड-भरी जगहों तक फैलने वाली ब्लीडिंग का लगभग दोगुना जोखिम था.
साथ ही उनका मस्तिष्क ‘छोटी रक्त-नलिकाओं’ (cerebral small vessel disease) द्वारा पहले ही काफी प्रभावित था जो आमतौर पर उम्र, हाई ब्लड प्रेशर और पुरानी ब्लड-नलिका डैमेज से जुड़ी होती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
रिसर्चर्स का मानना है कि भारी शराब सेवन द्वारा बढ़ा हुआ ब्लडप्रेशर, ब्लड-प्लेटलेट्स की कमी और मस्तिष्क की छोटी रक्त-नलिकाओं को होने वाला नुकसान मिलकर इस जोखिम को जन्म देते हैं. खासकर, जब ब्लड-प्लेटलेट्स कम होती हैं तो खून सही तरीके से थम नहीं पाता और यदि ब्लडप्रेशर रक्तचाप पहले से ही अधिक है तो मस्तिष्क में ब्लीडिंग होने का जोखिम और बढ़ जाता है.
रिसर्च से मैसेज मिलता है कि यदि आप नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं तो उसकी थोड़ी भी मात्रा सेफ नहीं है. राइटर्स ने सलाह दी है कि शराब-सेवन को कम करना या बंद करना मस्तिष्क-स्वास्थ्य और स्ट्रोक-रोकथाम के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है. यदि कोई ड्रिंक करता भी है तो 1 हफ्ते में 3 ड्रिंक से अधिक नहीं होना चाहिए. यदि आप ड्रिंक करते हैं तो इस बात पर खास ध्यान देने की जरूरत है और यदि अधिक पीते हैं तो उस पर लगाम लगाने की जरूरत है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क