गट फ्रेंडली होती हैं ये 5 चीजें, पेट से जुड़ी दिक्कतों के लिए इन चीजों को करें फॉलो

अक्सर कुछ लोगों को खाना खाने के बाद या उससे पहले पेट में गैस, ब्लोटिंग, अपच आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हम आपको कुछ खास चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके गट के लिए हेल्दी मानी जाती हैं.

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आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

कुछ लोगों को हर समय गैस, कब्ज आदि की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसका एक बड़ा कारण खराब गट हेल्थ है. अगर आपको भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो हम आपको गट हेल्थ से जुड़ी कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं. 

 खराब गट के कारण और लक्षण

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 जिन लोगों को बार-बार गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग, कॉन्स्टिपेशन, डायरिया जैसी समस्याएं होती हैं, उनमें गट माइक्रोबायोम इंबैलेंस होता है. इसके अलावा स्किन प्रॉब्लमज (जैसे एक्ने), फूड टॉलरेंस की समस्याएं और कमजोर इम्यून सिस्टम के मामले भी गट के अनहेल्दी होने का संकेत हो सकते हैं. भारत में लगभग 56% परिवारों को डाइजेस्टिव समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

 खराब गट के कारण -

  •  ज्यादा प्रोसेस्ड फूड, शुगर और अनहेल्दी फैट्स का सेवन 
  • ज्यादा एंटीबायोटिक्स का उपयोग, जो अच्छे बैक्टीरिया को खत्म कर देता है.
  • स्ट्रेस और एंग्जाइटी, जो माइक्रोबायोम को प्रभावित करते हैं.
  • देर रात तक जागना और अपर्याप्त नींद लेना, जो डाइजेस्टिव सिस्टम को कमजोर करता है.

आयुर्वेद में गट का महत्व- आयुर्वेद के अनुसार, "अग्नि" (पाचन अग्नि) शरीर में पाचन प्रक्रिया को कंट्रोल करता है. जब अग्नि मजबूत होती है तो खाना अच्छी तरह से पच जाता है, वरना अपच और विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा हो जाते हैं. आयुर्वेद में शरीर के तीन दोष: वात, पित्त, कफ भी पाचन से जुड़े हैं. आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसे त्रिफला (आंवला, बहेड़ा, हरड़) गट हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

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गैस और पाचन हेल्थ के लिए फायदेमंद फूड्स-
गट को सुधारने के लिए हमें ऐसे फूड्स खाने चाहिए जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा दें और खराब बैक्टीरिया की संख्या कम करें. इन फूड्स को करें अपनी डाइट में शामिल- 

फर्मेंटेड फूड्स- दही, इडली, डोसा, खमीर वाली रोटी, अचार, कांजी में लाइव प्रोबायोटिक्स होते हैं जो अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं. फर्मेंटेशन के लिए उचित तैयारी जरूरी होती है, जैसे कि दही को वॉर्म तापमान पर कुछ घंटे रखना. 

प्रीबायोटिक फूड्स- ये ऐसे फाइबर होते हैं जो गुड बैक्टीरिया को सपोर्ट करते हैं. उदाहरण- प्याज, लहसुन, सेब, केला, ओट्स, गुड़ आदि. 

हाई फाइबर फूड्स- साबुत अनाज, फल, सब्जियां, नट्स आदि पाचन तंत्र की गतिशीलता को बढ़ाते हैं और कब्ज से राहत देते हैं. 

ओमेगा-3 रिच फूड्स- अखरोट, अलसी, आदि जो इंफ्लेमेशन कम करते हैं, बैड बैक्टीरिया को खत्म करते हैं, और ब्रेन, हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद हैं.

पॉलीफेनॉल रिच फूड्स- बेरीज, डार्क चॉकलेट, ग्रीन टी जैसे फूड्स शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं और बैड बैक्टीरिया को कम करते हैं.

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