सूप-सॉस को गाढ़ा करने के लिए मिलाते हैं कॉर्नस्टार्च, खाने से पहले जान लें साइड इफेक्ट

सूप-सॉस को गाढ़ा करने के लिए कॉर्न फ्लोर/कॉर्नस्टार्च/मकई का आटा मिलाते हैं. इसके अधिक सेवन से सेहत को कुछ नुकसान हो सकते हैं. इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

Advertisement
कॉर्नस्टार्च खाने से कुछ बीमारियां हो सकती हैं. कॉर्नस्टार्च खाने से कुछ बीमारियां हो सकती हैं.

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 12:10 PM IST

सॉस (Sauce) और सूप (Soup) ये दोनों ऐसी चीजें हैं, जिनका इंडियन खाने में काफी इस्तेमाल होने लगा है. सॉस एक गाढ़ा लिक्विड होता है जिससे किसी डिश का टेस्ट बढ़ाया जा सकता है या उसे किसी स्नैक्स के साथ खाया जा सकता है. व्हाइट सॉस, टमाटर सॉस और चिली सॉस इसके उदाहरण हैं. वहीं यदि सूप की बात की जाए तो सूप पतला या हल्का गाढ़ा लिक्विड भोजन होता है जो शरीर को काफी सारे विटामिन और मिनरल्स देता है. टमाटर सूप, चिकन सूप, वेजिटेबल सूप आदि इसके उदाहरण हो सकते हैं.

सॉस और सूप दोनों में एक चीज कॉमन है और वो है इनका गाढ़ापन. जी हां, सॉस और सूप को गाढ़ा बनाने के लिए उनमें कॉर्न फ्लोर यानी मकई का आटा मिलाया जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसका अधिक सेवन करना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है. तो आइए कॉर्न फ्लोर (कॉर्नस्टार्च) के सेवन के क्या नुकसान हो सकते हैं, ये जान लीजिए.

Advertisement

क्या होता है कॉर्नस्टार्च?

कॉर्नस्टार्च प्रोसेस्ड, रिफाइंड इंग्रेडिएंट है जो पौष्टिक नहीं होता. इसे मकई के दाने के एंडोस्पर्म से बनाया जाता है. इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होती है लेकिन इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व नहीं होते. 

1 कप यानी 128 ग्राम कॉर्नस्टार्च में 488 कैलोरीज, प्रोटीन 0.5 ग्राम, कार्ब 117 ग्राम, फाइबर 1 ग्राम होता है. 

कॉर्न स्टार्च के साइड इफेक्ट: 

ब्लड शुगर लेवल बढ़ाए: कॉर्नस्टार्च में कार्ब्स की मात्रा बहुत अधिक होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक होता है. यानी कि ये आपकी ब्लड शुगर को काफी तेजी से बढ़ाता है. इसमें फाइबर कम होता है जो एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो आपके ब्लड स्ट्रीम में शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है. यदि किसी को टाइप 2 डायबिटीज है तो उसे कॉर्नस्ट्रार्च के सेवन से बचना चाहिए.

Advertisement

हार्ट हेल्थ को नुकसान: कॉर्नस्टार्च को रिफाइंड कार्ब माना जाता है जिसका मतलब है कि इसे खत्म हो जाते हैं. रिसर्च से पता चलता है कि कॉर्नस्टार्च जैसे रिफाइंड कार्ब्स का अधिक मात्रा में सेवन करने से हार्ट हेल्थ पर नेगेटिव असर होता है.

एक विश्लेषण के अनुसार, रिफाइंड कार्ब्स से भरपूर डाइट और अधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली फूड का सेवन करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा अधिक होता है.

न्यूट्रिशन की कमी: अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल्स की न्यूट्रिशनिस्ट सुश्री मंजुला श्रीधर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि इसमें पौष्टिक नहीं है क्योंकि इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर नहीं होते हैं. 

वहीं इसमें कॉपर और सेलेनियम जैसे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स भी कम मात्रा में होते हैं. इसलिए इसमें बैलेंस डाइट के साथ मिलाना जरूरी है ताकि पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हो सकें.

कितनी मात्रा सुरक्षित?

कॉर्नस्टार्च के कई नुकसान हो सकते हैं लेकिन इसे हेल्दी, बैलेंस डाइट के साथ कुछ मात्रा में मिलाया जा सकता है. कोई भी एक बार में 1-2 बड़े चम्मच (8-16 ग्राम) तक इसका सेवन कर सकता है लेकिन इसकी अपेक्षा आप अन्य कॉर्नस्टार्च ऑपशंस जैसे कि एरारूट, गेहूं का आटा, आलू स्टार्च और टैपिओका स्टार्च का उपयोग कर सकते हैं. यदि आपको डायबिटीज है या आप लो कार्ब डाइट फॉलो कर रहे हैं तो कॉर्नस्टार्च का सेवन कम से कम करें.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement