फैक्ट चेक: बनारस घाट की पुरानी तस्वीरों के जरिए PM मोदी पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के मामल्लापुरम में बीच पर कूड़ा चुनकर सफाई ​की तो सोशल मीडिया पर इसका वीडियो खूब वायरल हुआ. कुछ ने इसके लिए पीएम मोदी की तारीफ की तो कुछ ने आलोचना की और इसे एक फोटो खिंचाने वाला पूर्व नियोजित कार्यक्रम ​बताया.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा नदी के घाट गंदगी से भरे हैं.
सच्चाई
वायरल पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीरें पुरानी हैं.

चयन कुंडू

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के मामल्लापुरम में बीच पर कूड़ा चुनकर सफाई ​की तो सोशल मीडिया पर इसका वीडियो खूब वायरल हुआ. कुछ ने इसके लिए पीएम मोदी की तारीफ की तो कुछ ने आलोचना की और इसे एक फोटो खिंचाने वाला पूर्व नियोजित कार्यक्रम ​बताया.

इसी बीच, फेसबुक पेज “I.T & Social Media Cell Congress” ने एक पोस्ट डाल कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. इस पोस्ट में बनारस घाट की दो पुरानी तस्वीरों का कोलाज है, जिसमें काफी कूड़ा कचरा नजर आ रहा है. नरेंद्र मोदी वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं.

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फोटो कोलाज के ऊपर ​हिंदी में लिखा है, “बनारस के घाटों पर फोटोशूट के लिए कब आ रहे हैं मोदी जी?” इस पोस्ट में फोटो के साथ दावा किया गया है, “मोदी जी की लोकसभा जिससे चुनकर वे देश के प्रधानमंत्री बने है , वहा के गंगा नदी के घाटों पर मोदी जी कब सफाई अभियान करने वाले है ।”

स्टोरी लिखे जाने तक यह पोस्ट 600 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि पोस्ट में किया गया दावा भ्रामक है. इस पोस्ट में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है वे वाराणसी घाट की हाल की तस्वीरें नहीं हैं. एक तस्वीर जहां करीब 10 साल पुरानी है तो दूसरी करीब तीन साल पुरानी है.

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इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कई लोगों ने लिखा भी है कि इस पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीरें पुरानी हैं और आज वाराणसी घाट पहले से ज्यादा स्वच्छ है.

पहली तस्वीर

कोलाज में ऊपर इस्तेमाल फोटो में कुछ नावें दिख रही हैं और नदी के किनारे पर फैला कचरा दिख रहा है. वहीं पर कुछ लोग नदी में डुबकी लगा रहे हैं. रिवर्स इमेज सर्च की मदद से हमने पाया कि यह फोटो गंगा में प्रदूषण से संबंधित कई न्यूज आर्टिकल में बहुत बार इस्तेमाल हो चुकी है.

असली तस्वीर हमें गेटी इमेजेज से मिली जिसे फोटो एजेंसी एएफपी के स्टाफ फोटोग्राफर प्रकाश सिंह ने 9 अप्रैल, 2009 को खींची थी.

Embed from Getty Images

दूसरी तस्वीर

दूसरी तस्वीर का इस्तेमाल न्यूज वेबसाइट DNA ने 2016 में एक लेख में किया है. इस लेख के मुताबिक, 2016 में वाराणसी को देश के 10 सबसे गंदे शहरों में जगह मिली है.  

हाल ही में खबरें आईं कि बाढ़ आने के बाद वाराणसी के घाटों पर कीचड़ और सिल्ट भर गया था. लेकिन बाढ़ का पानी उतरने के बाद पूरे जोर शोर से सफाई अभियान चलाया गया.

इस तरह यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वायरल पोस्ट में वाराणसी के घाट की सफाई को लेकर पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए जो तस्वीरें इस्तेमाल की गई हैं वे पुरानी हैं.

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