फैक्ट चेक: छत्तीसगढ़ के IAS अधिकारी की 6 साल पुरानी तस्वीर भ्रामक दावे के साथ वायरल

छत्तीसगढ़ विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट से यह बात भी साफ हो जाती है कि 2016 में राज्य में बीजेपी की सरकार थी और डॉक्टर रमन सिंह सूबे के मुख्यमंत्री थे. ऐसे में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से एक्शन की बात करना बेमायने है. जाहिर है, जिस फोटो को हाल-फिलहाल की बता कर भ्रम फैलाया जा रहा है असल में वो साल 2016 की है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के राज में एक आईएएस अधिकारी एक महिला मरीज के बेड पर पैर रखकर खड़ा है.
सच्चाई
ये फोटो हाल-फिलहाल की नहीं बल्कि साल 2016 की है. तब छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार थी और डॉक्टर रमन सिंह सूबे के मुख्यमंत्री थे.

फैक्ट चेक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाली अखबार की कटिंग वायरल हो रही है.  इसमें एक अस्पताल की फोटो है जिसमें कई महिला मरीज नजर आ रही हैं. एक अधिकारी अपना पैर एक बेड पर रखकर खड़ा है. इसी बेड पर एक महिला एक छोटे बच्चे के साथ बैठी है.

इस फोटो के साथ हेडलाइन लगी है, “मरीजों से मिलने गए तो यूं रहा छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षु अफसर सोनकर का अंदाज.” इसे शेयर करते हुए कई लोग कह रहे हैं कि ये छत्तीसगढ़ का हालिया वाकया है.

Advertisement

एक ट्विटर यूजर ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा, “जैसे जहां के नदी नवारे, तैसे तहां के भरका. जैसे जाके बाप माहतारी तैसे ताके लरका. आईएएस हो जाने से संस्कार भी आ जाएं, यह कोई गारंटी नहीं है”.

इस कहावत के जरिए लोग आईएएस अधिकारी के संस्कारों पर सवाल उठा रहे हैं. इस देशज कहावत का मतलब यह है कि जिस जगह पर जैसे नदी-नाले होते हैं वैसे ही तालाब बनते हैं और जिनके माता-पिता का स्वभाव जैसा होता है उनके बच्चे भी वैसे ही होते हैं.

 

इसी ट्वीट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी घटना का संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है. फेसबुक () पर भी ये फोटो काफी शेयर की जा रही है.  

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल फोटो तकरीबन 6 साल पुरानी है. उस वक्त छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नहीं बल्कि बीजेपी की सरकार थी और डॉक्टर रमन सिंह मुख्यमंत्री थे.

Advertisement

कैसे पता लगाई सच्चाई?  

वायरल खबर में लगी तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये “द वॉइस ऑफ सिक्किम” नाम के एक फेसबुक पेज पर मिली. यहां इसे 5 मई, 2016 को पोस्ट किया गया था. इससे इतनी बात तो यहीं साबित हो जाती है कि ये घटना हाल-फिलहाल की नहीं है.  


कीवर्ड सर्च की मदद से खोजने पर हमें साल 2016 की “डेक्कन क्रॉनिकल” की एक रिपोर्ट मिली. ये रिपोर्ट 10 मई 2016 को छापी गई थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टर से आईएएस बने जगदीश सोनकर की यह फोटो वायरल होने के बाद काफी बवाल हुआ था. बवाल बढ़ने पर जगदीश सोनकर ने अपने बर्ताव के लिए फेसबुक के जरिये माफी भी मांगी थी.

 

 

 

हमें इंडिया डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर एक खबर मिली जिसमें जगदीश सोनकर का वो फेसबुक पोस्ट पढ़ा जा सकता है जिसमें उन्होंने अपने बर्ताव के लिए खेद जताया है. उन्होंने लिखा था, “मेरे इस बर्ताव को किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है और मैं इसके लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं. मुझे पता है कि इस हरकत से आईएएस अधिकारियों की छवि किस तरह से धूमिल हुई है. मैं सभी से क्षमा प्रार्थी हूं”

इस बारे में और खोजने पर हमें “एबीपी न्यूज” और “द क्विंट” में छपी खबरें भी मिलीं. इन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने मुख्य सचिव से कहा था कि आईएएस सोनकर को शिष्टाचार सिखाया जाए.

Advertisement

आईएएस एसोसिएशन ने भी एक ट्वीट के जरिए इस घटना की निंदा की थी.  

The picture of Jagdish Sonkar SDM in Chattisgarh inspecting CHC is shocking and it's unacceptable

— IAS Association (@IASassociation) May 4, 2016

जहां तक बात इस घटना की है तो जान लें कि 2013 में आईएएस बनने से पहले जगदीश सोनकर पेशे से डॉक्टर थे. "अमर उजाला" की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएएस अधिकारी बन जाने के बाद भी वो सरकारी अस्पताल में मरीजों का मुफ्त इलाज करते थे. जिस वक्त ये तस्वीर ली गई तब डॉक्टर जगदीश सोनकर बलरामपुर जिले के अंतर्गत रामानुजगंज के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) थे और सरकारी अस्पताल का दौरे करते वक्त एक मरीज़ से हालचाल पूछ रहे थे.  

छत्तीसगढ़ विधानसभा की आधिकारिक वेबसाइट से यह बात भी साफ हो जाती है कि 2016 में राज्य में बीजेपी की सरकार थी और डॉक्टर रमन सिंह सूबे के मुख्यमंत्री थे. ऐसे में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से एक्शन की बात करना बेमायने है.

जाहिर है, जिस फोटो को हाल-फिलहाल की बता कर भ्रम फैलाया जा रहा है असल में वो साल 2016 की है.

इनपुटः ऋद्धीश दत्ता

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement