फैक्ट चेक: जर्मनी ने नहीं लगाई वैक्सीन पर रोक, एक नाटक के हिस्से को बताया जा रहा सरकारी फरमान

जहां एक ओर दुनिया भर में जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने की कवायद चल रही है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर चर्चा है कि जर्मनी में कोरोना वैक्सीन पर रोक लग गई है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जर्मनी में कोविड-19 टीकाकरण दो हफ्ते के लिए पूरी तरह रोक दिया गया है क्योंकि ये सुरक्षित नहीं है.
सच्चाई
जर्मनी में कोविड-19 टीकाकरण रोके जाने की बात बेबुनियाद है. ये वीडियो कोई असली सरकारी फरमान नहीं बल्कि एक नाटक का ​हिस्सा है.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:44 PM IST

जहां एक ओर दुनिया भर में जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने की कवायद चल रही है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर चर्चा है कि जर्मनी में कोरोना वैक्सीन पर रोक लग गई है.

ऐसा कहने वाले लोग एक वीडियो शेयर कर रहे हैं जिसमें एक शख्स कह रहा है, “कोरोना वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स की वजह से सरकार ने आने वाले दो हफ्तों के लिए वैक्सीन के लाइसेंस पर रोक लगा दी है. प्यारे नागरिकों, आप सरकार पर भरोसा कर सकते हैं कि हम जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचेंगे.” वीडियो में दिख रहा शख्स किसी विदेशी भाषा में बोल रहा है, जिसका अंग्रेजी वॉइसओवर किया गया है.

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बहुत सारे लोग इस वीडियो को जर्मन सरकार का फरमान समझ रहे हैं.
 

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जर्मनी में कोरोना टीकाकरण पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो एक नाटक से लिया गया है.

वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “जर्मनी में सभी तरह की कोविड वैक्सीन्स पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. कहा जा रहा है कि ये असुरक्षित हैं. दो हफ्ते तक वैक्सीन से लोगों को होने वाले नुकसान का आकलन किया जाएगा.”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

क्या है सच्चाई

वायरल वीडियो को गौर से देखने पर उसमें दाहिनी तरफ एक लोगो दिखता है जिस पर ‘basiscamp.live’ और ‘A GLOBAL PANDEMIC EXIT EXERCISE’ लिखा हुआ है.

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कीवर्ड सर्च के जरिये हम ‘basiscamp.live’ की आधिकारिक वेबसाइट तक पहुंचे. इस वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक, ये एक नाटक था जो 20 से 24 अगस्त 2021 के बीच जर्मनी के बर्लिन शहर में हुआ था. इसमें 15 लोगों ने जर्मनी के अलग-अलग नेताओं और अधिकारियों की भूमिका निभाई थी. वायरल वीडियो में नजर आ रहे शख्स का नाम स्टीफन कोन है. इस वेबसाइट से पता चलता है कि इस नाटक में हिस्सा लेने वाले लोग कोरोना टीकाकरण के खिलाफ हैं.

basiscamp.live’ के इंस्टाग्राम चैनल पर हमें वो वीडियो मिल गया जिसमें से वायरल वीडियो लिया गया है. यहां वीडियो के साथ कैप्शन में ‘simulation game’ लिखा हुआ देखा जा सकता है. यानी, ये एक नाटक है, न कि हकीकत. यहां वीडियो के साथ सिर्फ जर्मन भाषा का ऑडियो है, अंग्रेजी वॉइसओवर नहीं है, यानी वो अलग से जोड़ा गया था.

जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान ने 6 सितंबर 2021 को एक ट्वीट के जरिये बताया कि जर्मनी की 61.3 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं.

अप्रैल में जर्मनी ने 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी. दरअसल, इस वैक्सीन से खून के थक्के जमने की कुछ शिकायतें आने के बाद ये कदम उठाया गया था.

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हमें हाल-फिलहाल की ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें लिखा हो कि जर्मनी में कोरोना टीकाकरण दो हफ्तों के लिए रोक दिया गया है. जाहिर है, अगर ऐसा हुआ होता तो इस बारे में सभी जगह खबरें छपी होतीं.

इससे पहले ‘लीड स्टोरीज’ वेबसाइट भी इस वीडियो की सच्चाई बता चुकी है.

साफ है कि एक काल्पनिक नाटक को जर्मन सरकार के वैक्सीन पर रोक लगाने का फरमान बताकर पेश किया जा रहा है.

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