कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ उपायों या सावधानियों की एक लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस लिस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह उपाय “डॉक्टर नानावटी की बेटी” डॉक्टर सलोनी सूचक ने सुझाए हैं. कई फेसबुक यूजर्स ने इस मैसेज को यह मानते हुए शेयर किया है कि ये डॉक्टर मुंबई के मशहूर नानावटी अस्पताल से संबंधित हैं.
इस मैसेज की शुरुआत में लिखा गया है, “डॉ नानावटी की बेटी डॉ सलोनी सूचक की टिप्पणी”. इसके बाद मैसेज में कोरोना वायरस से बचने के कई उपायों की सूची दी गई है, जैसे कि हाथ धोना, मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना, इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करना आदि.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल मैसेज वाकई मुंबई की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सलोनी सूचक ने लिखा है. हालांकि, उनका किसी भी तरह से नानावटी अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है.
यह भ्रम तब पैदा हुआ, जब कुछ यूजर्स ने सलोनी सूचक की इस पोस्ट को शेयर करते हुए इसके साथ “डॉक्टर नानावटी की बेटी” जोड़ दिया. इससे पोस्ट पढ़ने वालों में यह संदेश गया कि सलोनी सूचक नानावटी अस्पताल से जुड़ी हैं.
डॉ सलोनी सूचक मुंबई की एक स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं जो कई अस्पतालों और नर्सिंग होम से जुड़ी हैं. इनमें सूचक अस्पताल, क्लाउडनाइन अस्पताल और बेन्जर नर्सिंग होम आदि हैं. उनके पिता डॉ नानावटी मुरारी सुरेश भी स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं.
असली फेसबुक पोस्ट
डॉ सूचक ने AFWA को बताया कि कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सावधानियों वाली वायरल फेसबुक पोस्ट उन्होंने 22 जून को लिखी थी. बाद में यह फेसबुक, वॉट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गई. उन्होंने बताया कि जिसने भी इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर वायरल किया, उसने इसमें छेड़छाड़ की.
डॉ सूचक ने बताया, “मैंने अपनी असली पोस्ट में यह जिक्र नहीं किया था कि मैं डॉ नानावटी की बेटी हूं. यह बात पोस्ट में उसने जोड़ी, जिसने इसे वायरल किया. इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई. मैं नानावटी अस्पताल से नहीं जुड़ी हूं.
विवादित सुझाव
डॉ सूचक ने जो लंबी पोस्ट लिखी थी, उसमें कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ उपाय सुझाए गए हैं. उनका मानना है कि महामारी के दौरान किसी भी व्यक्ति को इन एहतियाती उपायों का पालन करना चाहिए.
लेकिन उनकी पोस्ट शुरुआत में ही सनसनी पैदा करती है जब वे लिखती हैं: “13,000 से ज्यादा केस पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए. कृपया गौर करें “दर्ज हुए”. अब मैं इसे दस से गुणा करती हूं. अब गणित लगाएं.”
डॉ सूचक अपनी इस बात का बचाव करते हुए कहती हैं, “हमारे आसपास कोरोना वायरस के बेहिसाब केस ऐसे हैं, जिनमें लक्षणों वाले या बिना लक्षणों वाले मरीजों की जांच ही नहीं की गई है. मेरे ख्याल से कोरोना वायरस रोगियों की असल संख्या बहुत ज्यादा है. यह मेरा अनुमान है.” हालांकि, उनका अनुमान किसी भी तरह के आंकड़े पर आधारित नहीं है.
डॉ सूचक ने लोगों को “भाप लेने और हल्दी व नमक के साथ गर्म पानी के गरारे” करने की भी सलाह दी. वे इस घरेलू उपचार को कोरोना वायरस के बचने के लिए “एहतियाती” उपाय के तौर पर पेश करती हैं, जबकि इन दावों को पहले ही खारिज किया जा चुका है. इस बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं हैं कि “भाप लेने और हल्दी व नमक के साथ गर्म पानी के गरारे” करने जैसे उपायों से कोविड-19 पर कोई असर पड़ता है. इस तरह के दावों खंडन करने वाले लेख यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
निष्कर्ष
इस तरह ये निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि कोरोना से बचने के उपाय बताने वाली डॉ सूचक की पोस्ट को वायरल करने वालों ने उनकी मूल पोस्ट से छेड़छाड़ की. उन्हें डॉक्टर नानावटी से जोड़ दिया. इससे यह संदेश गया कि डॉ सूचक मुंबई के मशहूर नानावटी अस्पताल से जुड़ी हैं.
चयन कुंडू / बालकृष्ण