अजमेर शरीफ दरगाह का एक हैरान करने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसमें मछली के आकार की रोशनी दरगाह के गुंबद में समाती दिख रही है. अजमेर की कई स्थानीय न्यूज वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनल इस वीडियो को हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हुआ चमत्कार बता रहे हैं. इस वीडियो का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो में जो रोशनी नजर आ रही है, वो सिर्फ कैमरे के लेंस की चमक की वजह से पैदा हुआ एक इफेक्ट है. हकीकत में इस किस्म का कोई चमत्कार अजमेर शरीफ दरगाह में नहीं हुआ है. दरगाह के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि की है.
क्या है सच्चाई
अजमेर की दरगाह ख्वाजा साहब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशफ़ाक़ हुसैन ने ‘आजतक’ को बताया कि इस तरह का कोई भी चमत्कार दरगाह शरीफ में नहीं हुआ है.
अशफ़ाक़ ने हमें दरगाह साहब, अजमेर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए पोस्ट का लिंक भी भेजा, जिसमें इस वीडियो को फर्जी बताया गया है.
वीडियो को ध्यान से देखने पर इसमें गुंबद में समाती रोशनी के अलावा नीचे दाहिनी तरफ भी धुंधली सी रोशनी दिखाई पड़ती है. साथ ही, गुंबद के पास कुछ सफेद धुंए जैसा दिखता है. जैसे-जैसे दरगाह के ऊपर दिख रही रोशनी गुंबद में समाती जाती है, वैसे-वैसे वीडियो में नीचे दाहिनी तरफ दिख रही रोशनी का आकार भी छोटा होता जाता है. जब गुंबद में रोशनी पूरी तरह समा जाती है, तो नीचे दाहिनी तरफ दिख रही धुंधली रोशनी भी दिखना बंद हो जाती है.
हमने ये वीडियो इंडिया टुडे के ग्रुप फोटो एडिटर बनदीप सिंह को भेजा. उन्होंने बताया कि लाइट का ऐसा इफेक्ट कैमरे के लेंस की चमक ( कैमरा लेंस फ्लेयर ) की वजह से दिख रहा है. खराब क्वॉलिटी का लेंस इस्तेमाल करने पर भी कई बार वीडियो में ऐसा इफेक्ट आ जाता है.
दिल्ली के प्रोफेशनल ग्राफिक एडिटर अश्विनी दीक्षित ने भी हमें यही बताया कि ये कैमरा लेंस का एक इफेक्ट है. उन्होंने ये भी बताया कि बारिश और कोहरे की वजह से भी कई बार ऐसा इफेक्ट आ जाता है.
हमें किसी आधिकारिक न्यूज वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें अजमेर शरीफ दरगाह के गुंबद में रोशनी समाने के किसी करिश्मे का जिक्र हो. पड़ताल से साफ हो जाता है कि कैमरे के लेंस की चमक से आए इफेक्ट वाले वीडियो को अजमेर शरीफ दरगाह में हुआ चमत्कार बताकर शेयर किया जा रहा है.
ज्योति द्विवेदी