e-Agenda: लॉकडाउन खत्म होते ही सबसे पहले बच्चों से मिलना चाहती हैं मालिनी अवस्थी

मालिनी ने कहा कि वह अपने फैन्स से जुड़े रहने और किसी तरह उनका मनोरंजन करने की कोशिश कर रही हैं. मालिनी अवस्थी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कलाकार भी एक योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं ताकि लोगों का मनोरंजन होता रह सके और वो डिप्रेशन में नहीं जाएं.

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मालिनी अवस्थी मालिनी अवस्थी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 4:47 PM IST

दुनिया भर की कोशिशों के बाद भी कोरोना वायरस का खतरा दुनिया से टला नहीं है. भारत में इस संक्रमण को सीमित करने के लिए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. क्या आम इंसान और क्या सेलेब्रिटी, सभी अपने घरों में बंद रहने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में सिंगर मालिनी अवस्थी ने ई-एजेंडा आज तक में बताया कि वह किस तरह लॉकडाउन में अपना वक्त काट रही हैं. मालिनी ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा दिया है और एक घंटे तक फेसबुक पर लाइव रहती हैं.

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मालिनी ने कहा कि वह अपने फैन्स से जुड़े रहने और किसी तरह उनका मनोरंजन करने की कोशिश कर रही हैं. मालिनी अवस्थी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कलाकार भी एक योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं ताकि लोगों का मनोरंजन होता रह सके और वो डिप्रेशन में न जाएं. मालिनी अवस्थी से जब मॉडरेटर मीनाक्षी कंडवाल ने पूछा कि वह लॉकडाउन खत्म होने के बाद पहला काम क्या करेंगी तो उन्होंने अपने बच्चों और दामाद से मिलने की इच्छा जाहिर की.

मालिनी ने कहा, "लोगों को लग रहा कि लॉकडाउन खत्म होता तो वो ये करेंगे.. वो करेंगे... लेकिन मुझे लगता है जब लॉकडाउन खत्म भी होगा तो भी जल्दी लोगों की घर से बाहर पैर रखने की हिम्मत होगी नहीं. सिवाय उन लोगों के जो इसे अभी भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं कोई बाहर नहीं निकलेगा. मुझे लगता है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी हमें मानसिक रूप से लॉकडाउन अप्लाई करना चाहिए. अगर हमें लंबे समय तक सुरक्षित रहना है तो ये बड़ा जरूरी है."

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बच्चों से करना चाहती हैं मुलाकात

मालिनी ने कहा, "फिर भी अगर मुझसे पूछा जाए कि लॉकडाउन खत्म होने पर मैं क्या करूंगी. तो एक मां होने के नाते मैं कहना चाहूंगी कि दोनों बच्चे और दामाद साथ हों. मैं चाहूंगी कि उनको बुला लूं. मेरा बेटा भी अकेले ही है. बेटी-दामाद भी हैं. बहुत दिन हो गए. जैसे सभी इसमें अकेले रहकर संघर्ष कर रहे हैं तो मुझे बस उन्हीं का लगता है. मुझे लगता है कि हर स्त्री का एक भाव होता है कि वह बच्चों से जाकर सबसे पहले मिले."

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