तारक मेहता के लेखक अभिषेक मकवाना ने की आत्‍महत्‍या, परिवार का दावा किया गया ब्लैकमेल

अभिषेक ने 27 नवंबर को आत्महत्या की थी. उनके घरवालों का आरोप है कि अभिषेक साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए थे और उन्हें ब्‍लैकमेल किया जा रहा था. अभिषेक को उनके मुंबई के कांदिवली स्थित घर में पंखे से लटका पाया गया था.  पुलिस ने इस मामले में जांच कर रही है. इस मामले में परिवार का बयान दर्ज किया गया है.

Advertisement
तारक मेहता सीरियल के राइटर अभिषेक मकवाना तारक मेहता सीरियल के राइटर अभिषेक मकवाना

विशाल शर्मा

  • मुंबई ,
  • 04 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 7:58 PM IST
  • तारक मेहता के लेखक अभिषेक मकवाना ने की आत्‍महत्‍या
  • परिवार ने जताया ब्लैकमेल का शक
  • भाई के मुताबिक साइबर फ्रॉड का शिकार हुए थे अभिषेक

तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल के लेखकों में से एक अभिषेक मकवाना ने आत्‍महत्‍या कर ली है. अभिषेक का एक सुसाइड नोट सामने आया है. मुंबई पुलिस के जरिए सामने आ रही जानकारी के अनुसार अभिषेक ने आत्‍महत्‍या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिख छोड़ा है. इसमें उन्होंने पैसे की तंगी के बारे मैं लिखा है.

अभिषेक ने 27 नवंबर को आत्महत्या की थी. उनके घरवालों का आरोप है कि अभिषेक साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुए थे और उन्हें ब्‍लैकमेल किया जा रहा था. अभिषेक को उनके मुंबई के कांदिवली स्थित घर में पंखे से लटका पाया गया था.  पुलिस ने इस मामले में जांच कर रही है. इस मामले में परिवार का बयान दर्ज किया गया है.

Advertisement

परिवार को नहीं था दिक्कतों का अंदाजा

बताया जा रहा है कि अभिषेक के घरवालों को उनकी दिक्कतों के बारे में पता नहीं था. उनके भाई जेनिस ने बताया कि लेखक की मौत के बाद उन्हें उनकी आर्थिक दिक्कतों के बारे में पता चला, क्योंकि उन्हें अलग-अलग नंबर से लोगों के फोन आने शुरू हुए. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने भाई का ई-मेल चेक किया. क्योंकि जब से वो गुजरा है मुझे लोग फोन करके पैसे मांग रहे हैं, जो उसने उधार लिए थे.'

उन्होंने बताया कि उन्हें भारत से ही नहीं बल्कि बाहर देशों से भी कॉल आ रहे हैं. उन्होंने कहा, 'एक कॉल बांगलादेश से थे, दूसरा म्यांमार और कुछ भारत के अलग-अलग हिस्सों से कॉल आए.' जेनिस के मुताबिक, 'भाई के इ-मेल रिकॉर्ड्स से मुझे जो समझ आया वो यह है कि उसने इजी लोन एप से छोटा सा लोनलिया था, जिसका ब्याज बहुत ज्यादा था.'

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV 

उन्होंने आगे बताया, 'मैं जब भाई के ट्रांसजेकशन पर ध्यान दिया तब मुझे पता चला कि लोन देने वाले भाई के बिना मांगे ही उसे छोटी-छोटी रकम भेजते रहते थे. उनकी ब्याज की दर 30% थी जो कि बहुत ज्यादा है.' चारकोप पुलिस स्टेशन के मुताबिक अभिषेक के परिवार ने पुलिस को कॉल वाले नंबर्स और ई-मेल से मिली जानकारी दे दी है और इसकी जांच हो रही है.  

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement