Oscars 2020: गॉडफादर एक्टर ने क्यों ठुकरा दिया था ऑस्कर अवॉर्ड? जानिए वजह

जब 45वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में एक्टर लिव उलामन और रॉजर मूर ने मार्लोन ब्रांडो के नाम की घोषणा की तो शो के मंच पर मार्लोन ब्रांडो की जगह कोई और ही पहुंचा.

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मार्लोन ब्रांडो मार्लोन ब्रांडो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

1973 में हॉलीवुड एक्टर मार्लोन ब्रांडो ने फिल्म द गॉडफादर में डॉन वीटो कोर्लियोनी के रोल निभाकर दुनिया को एक यादगार किरदार दिया. ऐसे में हर किसी के दिमाग में ये बात साफ थी कि 45वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में मार्लोन को ही अपने काम के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया जाएगा. हालांकि जब सही में ऑस्कर अवॉर्ड्स सेरेमनी में एक्टर लिव उलामन और रॉजर मूर ने ब्रांडो के नाम की घोषणा की तो शो के मंच पर मार्लोन ब्रांडो की जगह कोई और ही पहुंचा.

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ये थीं साशीन लिटिलफेदर, जिन्होंने मार्लोन ब्रांडो ने अपनी जगह पर ऑस्कर्स में भेजा था. साशीन अकैडेमी अवॉर्ड्स (ऑस्कर्स) के मंच पर 15 पन्नों की एक स्पीच लेकर आई थीं, जो मार्लोन ने उनके हाथ भेजी थी. जैसे ही बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड को देने के लिए मार्लोन का नाम लिया गया साशीन स्टेज पर गईं और उन्होंने हाथ से इशारा करके अवॉर्ड को लेने से मना कर दिया.

मार्लोन ने भेजी 15 पन्ने लम्बी स्पीच

उन्होंने अवॉर्ड सेरेमनी में आए लोगों से कहा, 'हेलो, मेरा नाम साशीन लेटलेफेदर है. मैं एक अपाचे (अमरीका की एक मूल जनजाति) हूं और National Native American Affirmative Image Committee की प्रेजिडेंट हूं. मैं यहां मार्लोन ब्रांडो को रिप्रेसन्ट कर रही हूं और उन्होंने मुझे आपको एक लम्बी स्पीच के साथ ये बताने के लिए कहा है कि वो इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड को नहीं ले सकते हैं. इसका कारण है अमेरिकन इंडियंस के साथ आजकल फिल्म इंडस्ट्री में होने वाला बर्ताव.'

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साशीन ने ये भी कहा कि वे मार्लोन ब्रांडो की स्पीच को बाद में प्रेस के साथ शेयर करेंगी. जब साशीन अपनी बात को जनता के सामने रख रही थीं तो लोग उनके नाम पर शोर मचा रहे थे. तो वहीं कुछ ने उनका सपोर्ट किया था. जहां इस स्पीच में मार्लोन के ऑस्कर अवॉर्ड को ठुकराने का कारण काफी हद तक साफ हो गया था वहीं टीवी होस्ट डिक कोवेट के शो पर भी उन्होंने इस बारे में बात की थी.

शो पर कही थी ये बात

डिक कोवेट के शो पर मार्लोन ब्रांडो ने कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि लोग इस बात को समझते हैं कि मोशन पिक्चर इंडस्ट्री ने अमेरिकन इंडियन्स के साथ क्या किया है. अमेरिकन इंडियन्स ही नहीं बल्कि सभी एथनिक ग्रुप्स के साथ. लोग ये नहीं समझते कि इन लोगों को अपने आप को पर्दे पर ऐसे देखकर कैसा लगता है. बड़े लोगों को नहीं क्योंकि वो इस दर्द और प्रेशर को काफी समय से सह रहे हैं लेकिन बच्चों को. इंडियन बच्चों को इंडियन लोगों को जाहिल, जंगली, बदसूरत, गन्दा, धूर्त, शराबी और कपटी के रूप में देखने को मिल रहा है. वो अपने आप को नेगेटिव इमेज में देखकर बड़े हो रहे हैं, जो उनके साथ जिंदगीभर रहेगी.'

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बता दें कि बाद में साशीन को हॉलीवुड कम्युनिटी से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था. लेकिन वे फिर भी नेटिव अमेरिकनों के हक के लिए आवाज उठाती रहीं. साल 2018 में साशीन लिटिलफेदर को स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, जिससे  अभी भी उनकी जंग जारी है. मार्लोन ब्रांडो ने 2004 में दुनिया को अलविदा कह दिया था.

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