5 साल में बनी थी द बर्न‍िंग ट्रेन, धर्मेंद्र से पहले अमिताभ बच्चन हुए थे कास्ट

क्या आपको पता है कि इस फिल्म के लिए मेकर्स की पहली पसंद जितेन्द्र नहीं बल्कि अमिताभ बच्चन थे. इस फिल्म को बनने में एक-दो नहीं बल्कि 5 सालों का समय लगा था. आइए आपको बताते हैं फिल्म बर्निंग ट्रेन से जुड़ी कुछ अनजानी बातें:

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धर्मेंद्र-हेमा मालिनी धर्मेंद्र-हेमा मालिनी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

धर्मेंद्र और जितेन्द्र की क्लासिक फिल्म द बर्निंग ट्रेन का रीमेक जल्द ही बनने जा रहा है. साल 1980 में रिलीज हुई फिल्म The Burning Train का निर्देशन रवि चोपड़ा ने किया था. इसमें विनोद खन्ना, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जितेन्द्र और नीतू कपूर ने अहम किरदार निभाए थे. फिल्म उस दौर में लगभग फ्लॉप रही थी, लेकिन समय के साथ इसे क्लासिक का दर्जा मिला. अब खबर है कि जल्द इसका रीमेक बन सकता है.

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लेकिन क्या आपको पता है कि इस फिल्म के लिए मेकर्स की पहली पसंद जितेन्द्र नहीं बल्कि अमिताभ बच्चन थे. इस फिल्म को बनने में एक-दो नहीं बल्कि 5 सालों का समय लगा था. आइए आपको बताते हैं फिल्म बर्निंग ट्रेन से जुड़ी कुछ अनजानी बातें:

1. फिल्म द बर्निंग ट्रेन ने बॉक्स ऑफिस पर 100 फीसदी ओपनिंग की थी. हालांकि इसका कलेक्शन बाद में नीचे गिर गया और ये कमाई नहीं कर पाई. बाद में इसे एवरेज कलेक्शन वाली फिल्मों की लिस्ट में नाम दिया गया. हालांकि आज इसे बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में गिना जाता है.

2. इस फिल्म को पूरा होने में 5 साल लगे थे. इसपर एक हॉलीवुड टीम ने भी काम किया था. इस फिल्म के शुरू होने पर दो और फिल्में रजिया सुल्तान और राजपूत बनाई गई थी.

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3. बॉब क्रिस्टो जो उस समय एक्टर नहीं बने थे, परवीन बॉबी की खूबसूरती पर फिदा थे. उनकी परवीन से मुलाकात भी द बर्निंग ट्रेन के सेट पर हुई थी.

4. जब फिल्म द बर्निंग ट्रेन को लॉन्च किया गया था तब अमिताभ बच्चन इस फिल्म का हिस्सा थे. हालांकि बाद में वो रोल जितेन्द्र को दे दिया गया था.

आशा भोसले का गाना

आशा भोसले को मेरी नजर है तुझपे गाना गाने के लिए लिया गया था. उन्हें ये गाना दो स्टाइल- वेस्टर्न कैबरे और भारतीय क्लासिकल में गाना था. ये काम आशा भोसले के लिए बेहद कठिन था क्योंकि बार-बार उन्हें एक स्टाइल से दूसरे को पकड़ना था. उस समय गानों को मिक्स करने की तकनीक नहीं थी और आशा भसोले को हेमा मालिनी और परवीन बॉबी दोनों के लिए इस गाने को गाना पड़ा था. कई दिनों की मेहनत के बाद कंपोजर आर डी बर्मन को ये गाना पसंद आया था. ये गाना अपने जैसे स्टाइल का पहला था और आशा भोसले ने बहुत बढ़िया काम किया था.

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विद्या सिन्हा को मिला था रोल

माना जाता है कि फिल्म में बी आर चोपड़ा अपनी पसंदीदा एक्ट्रेस विद्या सिन्हा को लेना चाहते थे. वो चाहते थे कि विद्या फिल्म में नवीन निश्छल के साथ सेकंड क्लास की पैसेंजर का रोल निभाएं. बड़े सितारों ने फर्स्ट क्लास पैसेंजर्स का रोल निभाया था. हालांकि विद्या ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था. माना ये भी जाता है कि उस समय विद्या का अफेयर बी आर चोपड़ा के दामाद राज तिलक के साथ था और राज हमेशा विद्या से चोपड़ा की बुराई करते थे. राज को अपनी ईमानदारी दिखाने के लिए उन्होंने इस ऑफर को रिजेक्ट किया था.

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