21 साल पहले रिलीज हुई थी दिल से, आज भी शाहरुख-मनीषा कोईराला की ये फिल्म है क्लासिक

इस फिल्म को दो नेशनल अवॉर्ड्स भी मिले थे. दिल से के साथ ही मणिरत्नम ने अपनी पॉलिटिकल फिल्मों की तिकड़ी को पूरा कर लिया था. उन्होंने रोजा के साथ इस सीरीज की शुरूआत की थी. ये फिल्म कश्मीर का बैकग्राउंड लिए हुए थी. इसके बाद उन्होंने फिल्म बॉम्बे का निर्देशन किया और आखिर में दिल से जिसने असम, लद्दाख से लेकर दिल्ली तक का सफर तय किया.

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शाहरुख खान और मनीषा कोईराला शाहरुख खान और मनीषा कोईराला

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 1:00 AM IST

शाहरूख खान और मनीषा कोईराला स्टारर फिल्म दिल से ने 21 साल पूरे कर लिए हैं. अगस्त 1998 में रिलीज हुई इस फिल्म ने अपने कंटेंट के चलते काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इसके अलावा फिल्म में ए आर रहमान का म्यूजिक और गुलजार के लिरिक्स के चलते ये फिल्म कई मायनों में क्लासिक मानी जाती है. ये वही फिल्म है जिसमें मलाइका अरोड़ा ने छैय्या छैय्या पर अपनी डांस परफॉर्मेंस के सहारे अपने आपको इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया था.

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हालांकि अपने सब्जेक्ट के चलते इस फिल्म को सोशल मीडिया के दौर में कई लोगों के गुस्से का जरूर सामना करना पड़ता और कई लोग तो इसे एंटीनेशनल फिल्म भी करार दे सकते थे. दरअसल फिल्म में आतंकवाद से लेकर सरकार द्वारा लोगों पर किए जा रहे अत्याचारों को भी दिखाया गया था. फिल्म में एक आर्मी अफसर का बेटा एक सुसाइड बॉम्बर के प्यार में पड़ जाता है, ये बात भी कई लोगों के गले उतरने में काफी दिक्कत आती. इसके अलावा अपने संवेदनशील विषय के चलते सेंसर बोर्ड के साथ भी फिल्म पास कराने में संघर्ष का सामना करना पड़ सकता था.

खास बात ये है कि इस फिल्म को दो नेशनल अवॉर्ड्स भी मिले थे. दिल से के साथ ही मणिरत्नम ने अपनी पॉलिटिकल फिल्मों की तिकड़ी को पूरा कर लिया था. उन्होंने रोजा के साथ इस सीरीज की शुरूआत की थी. ये फिल्म कश्मीर का बैकग्राउंड लिए हुए थी. इसके बाद उन्होंने फिल्म बॉम्बे का निर्देशन किया और आखिर में दिल से जिसने असम, लद्दाख से लेकर दिल्ली तक का सफर तय किया. इस फिल्म में प्रीति जिंटा के छोटे से रोल की भी काफी तारीफ हुई थी और आज भी कई फैंस, जिया जले सॉन्ग पर प्रीति के परफॉर्मेंस को याद रखते थे. इसके अलावा सतरंगी रे और ऐ अजनबी जैसे गानों के साथ भी गुलजार और ए आर रहमान ने अपने टैलेंट का लोहा मनवाया था. वही ये फिल्म शाहरूख और मनीषा कोईराला की सबसे यादगार फिल्मों में से एक मानी जाती है और शाहरूख के वर्तमान करियर को देखा जाए तो वे इस तरह की संवेदनशील और विवादित विषयों वाली फिल्मों से दूर ही रहे हैं.

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