नाना पाटेकर ने खूब किए हैं संघर्ष, 3 साल तक आर्मी ट्रेनिंग में भी रहे

Nana Patekar Birthday नाना पाटेकर बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं. उन्होंने फिल्मों में अपने अभिनय से एक बड़ी फैन फॉलोइंग तैयार की है. लोग उनके अभिनय के दीवाने हैं और संवादों को सुनना पसंद करते हैं. हाल ही में विवादों की वजह से भी इनका नाम खूब चर्चा में रहा.

Advertisement
नाना पाटेकर (फोटो : इंडिया टुडे) नाना पाटेकर (फोटो : इंडिया टुडे)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

फिल्मों की दुनिया में हमेशा से ये धारणा रही है कि स्क्रीन पर दिखने वाला अभिनेता खूबसूरत हो. गोरा रंग लुभावना अंदाज और बॉडीबिल्डर शरीर. बॉलीवुड में एक जमाने तक अभिनेताओं की छवि को इसी दृष्टिकोण से देखा गया. लेकिन जब ओमपुरी, नसीरुद्दीन शाह और नाना पाटेकर की एंट्री हुई, अभिनेताओं की गुड लुकिंग को लेकर ये धारणा टूटने लगी. नाना पाटेकर भी उस वक्त हीरो बनने के ऐसे मापदंडों पर खरे नहीं उतरते थे.

Advertisement

मगर उनके पास एक्टिंग और दमदार आवाज का जो मिश्रण था, उसने उन्हें अलग पहचान दिलाई. अंकुश, प्रहार, क्रांतिवीर, यशवंत जैसी फिल्मों में उनके किरदार के अंदर एक आक्रोश एक क्रांति देखने को मिली. आइए आज जन्मदिन के मौके पर जानते हैं नाना के जीवन के कुछ अनछुए पहलू....

नाना पाटेकर का जन्म 1 जनवरी 1951 को मुंबई में हुआ था. उनके असल जीवन की बात करें तो वे एक गरीब परिवार से थे. उनका जीवन काफी गरीबी में गुजरा. उनके पिता का बिजनेस बंद हो गया था. इस दौरान परिवार को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा. नाना ने रोजी रोटी चलाने के लिए जेबरा क्रॉसिंग और फिल्म के पोस्टर्स पेंट किए. वे एक जगह पार्ट टाइम जॉब करते थे जहां पर उन्हें दिन का 35 रुपए और एक दिन का खाना मिलता था.

Advertisement

नाना का स्वभाव काफी सशक्त माना जाता है. इसका एक उदाहरण ये है कि प्रहार फिल्म की शूटिंग के लिए उन्होंने 3 साल तक आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा रहे थे. इसके लिए उन्हें कैप्टन की रैंक भी मिली थी. 

बहुत कम लोगों को पता होगा कि नाना एक शानदार कुक भी हैं. वे तरह तरह के व्यंजन पकाना पसंद करते हैं और खानों के साथ प्रयोग करते हैं. यही नहीं वे पार्टी के दौरान महमानों के लिए खुद खाना पकाना और सर्व करना पसंद करते हैं.

नाना पाटेकर एक किसान भी हैं और खुद फार्मिंग करना पसंद करते हैं जहां पर वे गेहूं और चावल उगाते हैं. महराष्ट्र में किसानों की मदद के लिए नाना हमेशा आगे रहते हैं. महाराष्ट्र में उनका काफी सम्मान किया जाता है. वे इस खेती से जो पैसा आता है उसे गरीब किसानों में बांट देते हैं.

फिल्मों की बात करें तो वे लगभग 4 दशकों से सिनेमा में सक्रिय हैं. इस दौरान उन्होंने अभिनय के तमाम रंग दर्शकों के सामने पेश किए हैं. चाहें वे संजीदा किरदार हो या फिर कॉमिक, चाहें रोमांस हो या निगेटिव रोल उन्होंने हर तरह के किरदार को खुद में ढाल कर इस तरह पेश किया कि सारे किरदार दर्शकों के जेहन में कैद हो गए. उन्हें पद्मश्री, नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.

Advertisement

कुछ समय पहले ही उनपर तनुश्री दत्ता ने मीटू मूवमेंट के तहत यौन शोषण का आरोप लगाया. नाना इस पर अपनी सफाई दे चुके हैं. ये मामला फिलहाल कोर्ट में है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement