हिंदी सिनेमा की लीडिंग सिंगर में से एक रहीं अनुराधा पौडवाल 27 अक्टूबर 1952 को जन्मी थीं. वह संगीत की दुनिया में बड़ा नाम हैं. उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मी गीत और भजन गाए हैं. होली, दीवाली, दुर्गा पूजा हो या छठ पूजा उनकी मधुर और सुकून भरी गायिकी ने हर किसी का दिल जीता है. लेकिन बहुत कम लोग ये जानते होंगे कि उन्होंने अपने करियर के शिखर पर प्लेबैक सिंगिंग को अलविदा कह दिया था. उनके जन्मदिन पर जानिए उनके जीवन से जुड़े कुछ किस्से.
शुरुआती समय की बात करें तो अनुराधा का बचपन मुंबई में बीता, जिस वजह से उनका रुझान शुरू से फिल्मों की तरफ रहा. उन्होंने अमिताभ और जया बच्चन की फिल्म 'अभिमान' से अपने सिंगिग करियर की शुरुआत की थी. जिसमें उन्होंने जया के लिए एक श्लोक गाया था. इसके बाद साल 1976 में फिल्म 'कालीचरण' में अनुराधा ने गाना गाया. लेकिन सोलो गाने की शुरुआत उन्होंने फिल्म 'आप बीती' से की. इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया था.
अनुराधा के बारे में एक दिलचस्प बात ये भी है कि उन्होंने किशोर कुमार के साथ करीब 300 स्टेज शो किए हैं. वह उन्हें अपने पिता के समान मानती थीं. वह किशोर कुमार को आज भी अपना आदर्श मानती हैं. बता दें कि अनुराधा जब करियर की टॉप पर थीं तो उनका नाम लता मंगेशकर और आशा भोसले जैसी सिंगर्स के साथ लिया जाता था. माना तो ये भी जाता था कि लता मंगेशकर का अगर कोई रिप्लेसमेंट है तो वो अनुराधा ही हैं. मगर जिस दौर में अनुराधा के बारे में ऐसी बातें होती थीं उस दौर में उन्होंने फिल्मों में गाना ही छोड़ दिया था.
ये थी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने की वजह
एक इंटरव्यू में उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा था, "फिल्म आशिकी और दिल है कि मानता नहीं से पहले ही मैंने प्लेबैक सिंगिंग छोड़ने का फैसला कर लिया था. लेकिन फिर मैंने सोचा कि जब मैं अपने करियर के शिखर पर होंगी तब फिल्मों में गाना छोड़ूंगी. करियर के मुकाम पर उसे छोड़ने की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर लोग आपको याद रखेंगे."मगर कुछ रिपोर्ट्स तो ये भी कहती हैं कि सिंगर को भजन गायक गुल्शन कुमार से प्यार हो गया था और उन्होंने इस बात का फैसला लिया था कि अब वे टी सीरीज के अलावा किसी भी म्यूजिक कंपनी के लिए गाने रिकॉर्ड नहीं करेंगी. उनके इस फैसला का सीधा फायदा अल्का यागनिक और कविता कृष्णमूर्ति जैसी सिंगर्स को मिला.
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