नाइट क्लब में गाती थीं ऊषा उत्थुप, बताया जब लता मंगेशकर के सामने गाया तो क्या हुआ?

साहित्य आज तक के मंच ऊषा उत्थुप ने कहा कि वो 53 साल से बैंड के साथ गा रही हैं. इसलिए वो खुद को ओरिजनल बैंड सिंगर मानती हैं. पॉप की महारानी ऊषा कहती हैं, 'कोलकाता उनके दिल के बेहद करीब है. क्योंकि उन्होंने अपनी सिंगिंग की शुरुआत कोलकात के नाइट क्लब में गाकर की थी.'

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ऊषा उत्थुप ऊषा उत्थुप

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 17 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

17 फरवरी को कोलकाता साहित्य आज तक का शानदार आगाज हुआ. सितारों के इस महाकुंभ में पहले दिन ऊषा उत्थुप ने शिरकत की. साहित्य आज तक के मंच पर ऊषा उत्थुप ने ना सिर्फ अपनी आवाज का जलवा बिखेरा, बल्कि उनकी लाइफ से जुड़ी कई दिलचस्प बातें शेयर की. 

नाइट क्लब में गाती थीं ऊषा 
ऊषा उत्थुप ने कहा कि वो 53 साल से बैंड के साथ गा रही हैं. इसलिए वो खुद को ओरिजनल बैंड सिंगर मानती हैं. पॉप की महारानी ऊषा उत्थुप कहती हैं, कोलकाता उनके दिल के बेहद करीब है. क्योंकि उन्होंने अपनी सिंगिंग की शुरुआत कोलकात के नाइट क्लब में गाकर की थी. ऊषा उत्थुप ने ये भी कहा, 'मैंने इतने सालों में जो भी गाया, जनता ने उसे अपनाया. शायद ही इससे बड़ी अचीवमेंट उनके लिए कुछ हो सकती थी.'  

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ऊषा उत्थुप अपनी सिंगिंग जर्नी पर बात करते हुए कहती हैं, 'मेरी म्यूजिक जर्नी बहुत खूबसूरत और अद्भुत रही है. भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं कि मैं भारतीय हूं और साड़ी पहनकर परफॉर्म कर सकती हूं. मैं साड़ी पहनती हूं और मुझे गाने के लिए कभी ग्लैमरस दिखने जरुरत नहीं पड़ी. मेरे पापा बॉम्बे में डिप्टी कमिश्नर थे. मैं बिना झिझक के नाइट क्लब में गा पाई. मेरे पेरेंट्स ने मुझे बहुत अच्छी शिक्षा दी है.'

टीचर्स को नहीं लगा था कि बनेंगी सिंगर 
आगे ऊषा उत्थुप बताती हैं, 'स्कूल में जब सारे स्टूडेंट्स म्यूजिक क्लास लेते थे, तो वहीं मैं अलग रहती थी, क्योंकि मेरी आवाज बहुत भारी थी. टीचर्स को नहीं लगा था कि मैं कभी सिंगर भी बन पाऊंगी.'  उन्होंने कहा कि 'मैं महान सिंगर नहीं हूं, लेकिन मैंने कभी किसी को कॉपी नहीं किया. ना ही कभी करना चाहती.' अपने लुक पर बात करते हुए वो कहती हैं, 'ये मेरी यूएसपी है, जो मैं दिखती हूं और जो मेरी आवाज है, वो बिल्कुल अलग है.' 

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लता मंगेतर से मिली थी मिश्री 
साहित्य आज तक के मंच पर ऊषा उत्थुप ने बताया कि एक बार लता जी उनकी परफॉर्मेंस से बेहद खुश हो गई थीं. ऊषा उत्थुप बताती हैं, 'मेरा गाना सुनकर लता जी काफी खुश हो गईं और उन्होंने मेरी तारीफ की. मैंने कहा कि खाली तारीफ से कुछ नहीं होगा. इसके बदले मुझे कुछ चाहिए. इस पर लता जी ने मुझे मिश्री दी.'

ऊषा उत्थुप से पूछा गया कि अगर कोई आपसे इस तरह का तोहफा मांगे, तो आपको ये सारा सोना देना पड़ जाएगा. इस पर वो हंसते हुए कहती हैं, 'ये सब मैंने आर्टीफिशियल पहना है. असली सोना मैंने बप्पी दा को दे दिया था.' 

साहित्य आज तक के मंच से विदा लेने से पहले ऊषा उत्थुप ने 'दम मारो दम' और 'डार्लिंग' जैसे गाने गाकर फैंस का दिल खुश कर दिया. 

 

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