मलयालम एक्ट्रेस ने जीता नेशनल अवॉर्ड, मगर क्यों फूट पड़ा जूरी पर गुस्सा?

भारत सरकार ने हाल ही में 71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड की घोषणा की थी. मलयालम फिल्म  'उल्लुझुकु' में बेस्ट सपोर्टिंग कैटेगरी एक्ट्रेस का खिताब जीतने वाली एक्ट्रेस उर्वशी ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जूरी पर नाराजगी जताई है.

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नेशनल अवॉर्ड पर एक्ट्रेस उर्वशी ने उठाए सवाल (Photo: YT/RSVP Movies) नेशनल अवॉर्ड पर एक्ट्रेस उर्वशी ने उठाए सवाल (Photo: YT/RSVP Movies)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:11 PM IST

भारत सरकार ने हाल ही में 71वें नेशनल अवॉर्ड की घोषणा की थी. जिसमें मलयालम फिल्म  'उल्लुझुकु' में बेस्ट सपोर्टिंग कैटेगरी एक्ट्रेस का खिताब जीतने वाली एक्ट्रेस उर्वशी ने नेशनल अवॉर्ड जूरी पर नाराजगी जताई है. उन्होंने खुद को सपोर्टिंग एक्ट्रेस की कैटेगरी में रखने की आलोचना की है. आईये जानते हैं कि उनकी नाराजगी की वजह क्या है.

क्यों नाराज हैं मलयालम एक्ट्रेस उर्वशी?

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मनोरमा न्यूज को दिए अपने इंटरव्यू में उर्वशी ने नेशनल अवॉर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा, 'यह पेंशन राशि नहीं है, जिसे चुपचाप स्वीकार कर लिया जाए. ये निर्णय लेने के पीछे क्या तरीका होता हैं? किन मानदंडों का ध्यान रखा जाता है?' उन्होंने आगे कहा, 'इतने बड़े अवॉर्ड का उद्देश्य सम्मान प्राप्त करने वाले को गर्व महसूस होना चाहिए, न किसी को बिना स्पष्टीकरण के सौंप देना होता है.' 

उर्वशी ने आगे कहा कि उन्हें अपने करियर के ऑप्शन पर कोई पछतावा नहीं है. मुझे इसका कोई दुख नहीं है. मुझे एक अच्छी फिल्म के लिए चुना गया, उसने अच्छा प्रदर्शन किया और ऑडियंस ने उसे स्वीकार किया.' 

फिल्मों के चयन प्रक्रिया पर उठाया सवाल
उर्वशी ने चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए पूछा, "लेकिन मुझे आश्चर्य होता है - राष्ट्रीय पुरस्कार किस आधार पर दिए जाते हैं? क्या इसके लिए कोई पैमाना है? बेस्ट एक्टर या बेस्ट एक्ट्रेस का सिलेक्शन करने के लिए बेस्ट परफॉर्मेंस कौन तय करता है? केंद्र और राज्य को इस बारे में पारदर्शी होना चाहिए. उनकी जिम्मेदारी है कि वे हमें बताएं कि इन पुरस्कारों का निर्धारण किन आधारों पर किया जाता है.'

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जानिए 'उल्लुझुकु' फिल्म के बारे में
बता दें कि एक्ट्रेस उर्वशी को उल्लुझुकु फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला है. इसी के साथ इस फिल्म को मलयालम भाषा में बेस्ट फीचर का भी राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. इस फिल्म का डायरेक्शन क्रिस्टो टॉमी ने किया है. जिसकी कहानी एक मां और बेटी की है.

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