फिल्म देखने थिएटर जाते वक्त, लेट होने के लिए एक 30 मिनट का विंडो तो दर्शक अब दिमाग में लेकर ही चलते हैं. 5 बजे का शो हो तो मान लिया जाता है कि 5:30 तक थिएटर पहुंचा जा सकता है, क्योंकि वैसे भी इतना वक्त तो फिल्म से पहले तमाम ऐड देखने में खर्च होने वाला है.
हर थिएटर के हिसाब से ये वक्त अलग-अलग हो सकता है. लेकिन अलग-अलग जगहों पर फिल्म शुरू होने में टिकट पर दिए गए शो टाइम से 15-30 मिनट ज्यादा की देरी पाई ही जाती है. हालांकि, एक दर्शक को इस देरी से ऐसी नाराजगी हुई कि वो कंज्यूमर कोर्ट जा पहुंचे. अब इस मामले पर कंज्यूमर कोर्ट ने थिएटर्स की खिंचाई की है. आइए बताते हैं क्या है पूरा मामला...
कैसे कोर्ट पहुंचा फिल्म से पहले ऐड दिखाकर देरी करने का मामला?
बेंगलुरु के एक दर्शक अभिषेक एम.आर. ने दिसंबर 2023 में विक्की कौशल की फिल्म 'सैम बहादुर' के लिए, 825 रूपये में 3 टिकट बुक करवाए. ये टिकट PVR के एक थिएटर में शाम 4 बजकर 5 मिनट के शो के लिए थे. अभिषेक अपने परिवार वालों के साथ 4 बजे फिल्म देखने थिएटर पहुंच गए.
बार एंड बेंच के अनुसार, अभिषेक ने अपनी शिकायत में दावा किया कि पीवीआर सिनेमाज ने 4 बजकर 5 मिनट पर अलग-अलग ऐड और फिल्मों के ट्रेलर दिखाने शुरु किए, जो 4 बजकर 28 मिनट तक चलते रहे. असल फिल्म 4:30 पर जाकर शुरू हुई. जनवरी में बेंगलुरु के डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में शिकायत करते हुए अभिषेक ने दावा किया कि लगभग आधे घंटे की इस देरी ने उनका शिड्यूल बिगाड़ दिया.
ये सोचकर कि फिल्म ठीक समय पर, 6:30 बजे खत्म हो जाएगी, उन्होंने वापस अपनी नौकरी पर लौटने का प्लान बनाया था. लेकन फिल्म लेट हो गई और उनका प्लान बिगड़ गया. अभिषेक ने इस मामले को लेकर ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म बुक माय शो, पीवीआर और INOX के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी.
कंज्यूमर कोर्ट ने PVR और INOX पर लगाया फाइन
अभिषेक की शिकायत पर फैसला देते हुए मंगलवार को कंज्यूमर कोर्ट ने कहा कि बुक माय शो को फिल्म में देरी के लिए दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि फिल्म शो के टाइम या थिएटर में चलने वाली ऐड पर उनका कोई नियंत्रण नहीं होता.
हालांकि, कंज्यूमर कोर्ट ने PVR और INOX को इस मामले में गलत 'ट्रेड प्रैक्टिस' का दोषी पाया. कोर्ट ने आदेश दिया कि PVR और INOX को, 'मानसिक पीड़ा' और 'असुविधा' पहुंचाने के लिए अभिषेक को 20 हजार रुपये देने होंगे. साथ ही अभिषेक को उस 8 हजार रुपये का भी भुगतान करना होगा, जो शिकायत करने में खर्च हुए. कोर्ट ने 'अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस' के लिए दंडात्मक कार्रवाई के रूप में PVR और INOX पर 1 लाख रुपये का फाइन भी लगाया, जो उन्हें कंज्यूमर वेलफेयर फंड में जमा कराना होगा.
थिएटर्स के लिए गाइडलाइन
PVR और INOX को निर्देश जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि उन्हें फिल्मों के टिकट पर, शो शुरू होने का असल टाइम दिखाना होगा. और PVR और INOX को फिल्म के शिड्यूल शो टाइम के बाद ऐड चलाने बंद करने होंगे.
अपने बचाव में PVR और INOX ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार और राज्य सरकार के दिशानिर्देश अनुसार, सामाजिक मुद्दों से जुडी पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंट (PSA) भी चलानी होती हैं. इसपर कोर्ट ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन्स में लिखा है कि PSA 10 मिनट से लंबी नहीं हो सकती. कोर्ट ने पाया कि अभिषेक को थिएटर में जो ऐड दिखाए गए उसमें से 95% वो सरकारी PSA नहीं, बल्कि कमर्शियल ऐड थे.
अभिषेक के खिलाफ PVR और INOX की दलील
इस मामले में शिकायत करने के लिए अभिषेक ने थिएटर में चल रहे ऐड, अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड किए थे. लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान PVR और INOX ने दलील दी कि ये रिकॉर्डिंग करके अभिषेक ने एंटी-पायरेसी कानूनों का उल्लंघन किया है.
कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता ने सिर्फ फिल्म से पहले चलने वाली ऐड्स की वीडियोटेपिंग की थी, फिल्म की नहीं. उसने ऐसा इसलिए किया था ताकि इस मुद्दे को हाईलाइट किया जा सके जिसका सामना कई फिल्म दर्शकों को करना पड़ता है. इसलिए इसे गैर-कानूनी नहीं कहा जा सकता.
PVR और INOX की एक दलील ये भी थी कि लंबे ऐड्स उन दर्शकों के लिए फायदेमंद होते हैं, जो थिएटर के एंट्री पॉइंट पर सुरक्षा जांच के लिए रुके हैं. इसपर कोर्ट ने कहा कि ये समय से सीट पर बैठ चुके दर्शकों के लिए अन्यायपूर्ण है.
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