Film Review: गुरु और शिष्य के रिश्ते की कहानी है 'बुधिया सिंह: बॉर्न टू रन'

डायरेक्टर सौमेंद्र पैढी की फिल्म 'बुधिया सिंह: बॉर्न टू रन' आज यानी 5 अगस्त को रिलीज हुई है. आइए जानते हैं कैसी हैं ये फिल्म:

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'बुधिया सिंह: बॉर्न टू रन' 'बुधिया सिंह: बॉर्न टू रन'

स्वाति गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 3:16 PM IST

फिल्म का नाम : 'बुधिया सिंह: बॉर्न टू रन'
डायरेक्टर: सौमेंद्र पैढी
स्टार कास्ट: मनोज बाजपेयी, मयूर पटोले, तिलोत्तमा शोम, श्रुति मराठे
अवधि: 1 घंटा 52 मिनट
सर्टिफिकेट: U
रेटिंग: 3 स्टार

वैसे तो इन दिनों बायोपिक फिल्मों का बड़ा मेला लगा हुआ है. तरह-तरह से असल जिंदगी की कहानियों को बड़े पर्दे पर दिखाया जा रहा है और इसी बीच डायरेक्टर सौमेंद्र पाधी ने सबसे कम उम्र के मैराथन रनर के ऊपर फिल्म बनाई है. आइए जानते हैं कैसी है ये फिल्म:

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कहानी:
फिल्म की कहानी बुधिया सिंह (मयूर पटोले) और उसके कोच बिरंचि दास (मनोज बाजपेयी) की है. बुधिया को मैराथन दौड़ाने के लिए बिरंचि दास ने बहुत ही अच्छे ढंग से तैयार किया है. कहानी में बुधिया के बिरंचि दास से मिलने की कहानी को भी दिखाया गया है कि किस तरह से उसे स्लम एरिया से निकालकर बिरंचि दास अपने अकादमी में प्रैक्टिस करवाता है. बुधिया ने 5 साल की उम्र में 48 मैराथन दौड़ने का कीर्तिमान भी हासिल किया. फिर कहानी में कई राजनितिक रंग आते हैं फिर फिल्म का अंत काफी दिलचस्प होता है.

स्क्रिप्ट:
फिल्म की स्क्रिप्ट काफी इमोशनल है जो फिल्मांकन के दौरान आपको सोचने पर विवश करती है. कई सारे ऐसे पल भी आते हैं जो आपकी आंखों को नम कर सकते हैं. कहानी को बड़े ही अच्छे ढंग से दर्शाया गया है.

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अभिनय:
मनोज बाजपेयी ने एक बार फिर से बेहतरीन अभिनय किया है वहीं बुधिया के किरदार में मयूर नामक बच्चे ने उम्दा काम किया है. गजराज राव और फिल्म के बाकी सह कलाकारों का भी अभिनय सहज है.

कमजोर कड़ी:
फिल्म की कमजोर कड़ी सिर्फ इसकी रफ्तार है, जिसे थोड़ा और बेहतर किया जा सकता था. कहीं कहीं थोड़ी सिनेमैटिक लिबर्टी भी ली गई है, जिसे थोड़ा और टाइट किया जा सकता था.

संगीत:
कहानी के हिसाब से संगीत एकदम सटीक है. गाने की लिखावट कमाल की हैं.

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