फिल्म का नाम: अ फ्लाइंग जट्ट
डायरेक्टर: रेमो डिसूजा
स्टार कास्ट: टाइगर श्रॉफ, नाथन जोंस, जैकलीन, अमृता सिंह, के के मेनन, गौरव पांडेय
अवधि: 2 घंटा 31 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2 स्टार
डायरेक्टर और कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा ने 'फालतू' फिल्म के साथ डायरेक्शन की शुरुआत की थी, उसके बाद फिल्म 'ABCD' और 'ABCD 2' बनाई, अब रेमो ने सुपरहीरो फ्लिक 'अ फ्लाइंग जट्ट' को निर्देशित किया है. क्या यह फिल्म उनके डायरेक्शन के करियर को एक कदम और आगे बढ़ाने में सफल साबित होगी? आइए फिल्म की समीक्षा करते हैं.
कहानी
यह कहानी पंजाब के 'करतार सिंह कॉलोनी' में रहने वाले अमन (टाइगर श्रॉफ) की है, अमन की मां (अमृता सिंह) उससे घर के साथ-साथ बाहर के भी काम
कराती है. साथ ही अक्सर उसे उसके पिता के पराक्रम के बारे में बताती रहती है, अमन एक स्कूल में मार्शल आर्ट का टीचर है जहां उसकी मुलाकात कीर्ति
(जैकलीन) से होती है और इश्क पनपने लगता है. कहानी में मोड़ तब आता है जब शहर का दबंग इंडस्ट्रियलिस्ट मल्होत्रा (के के मेनन), अपने अंडर काम
करने वाले बलशाली राका (नाथन जोंस) को बुलाकर, अमन की कॉलोनी को नष्ट करने का ऑर्डर देता है. फिर कहानी में ट्विस्ट आता है. अमन को अपनी
शक्तियों का एहसास होता है और वो 'फ्लाइंग जट्ट' के नाम से मशहूर होने लागत है, अपने शहर के लोगों को बचाने के लिए फ्लाइंग जट्ट, राका से लड़ाई
करता है और अंततः उसका नाश कर देता है.
स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी अच्छी है . डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी भी काबिल ए तारीफ है, लेकिन स्क्रीनप्ले और भी बेहतर किया जा सकता था. कहानी ऐसी है
जिसे आप पहले से ही समझ जाते हैं तो कोई सरप्राइज एलिमेंट नहीं रह जाता है. इतने अच्छे सब्जेक्ट को और भी बेहतर तरीके से सजाया और संवारा जा
सकता था. फिल्म काफी लंबी लगने लगती है. वैसे फिल्म के माध्यम से कुछ शिक्षाएं भी दी गई हैं जैसे प्रदूषण से कैसे बचें, कार चलाते वक्त सीट बेल्ट
लगाएं साथ ही ये भी बताया गया है कि आखिरकार सरदार के 12 बजने के पीछे की असल कहानी क्या है. डायरेक्शन के दौरान एक्शन सीक्वेंस गजब
तरह से शूट किए गए हैं.
अभिनय
हॉलीवुड स्टार नाथन जोंस ने राका के रूप में अच्छा अभिनय किया है. जैकलीन का काम भी अच्छा है. मां के किरदार में अमृता सिंह और भाई के रोल में
गौरव पांडेय का काम भी बहुत अच्छा है. टाइगर श्रॉफ एक सुपरहीरो के रूप में अच्छे लग रहे हैं. के के मेनन का अभिनय सराहनीय है.
कमजोर कड़ी
फिल्म के गाने और कहानी, इसकी लेंथ को बड़ा कर देते हैं, जिस पर कंट्रोल किया जाता, तो फिल्म और भी क्रिस्प दिखाई पड़ती. लंबी होने के कारण एक
वक्त के बाद बोरियत होने लगती है साथ ही फिल्म का क्लाइमेक्स भी हल्का है, जिसे मजबूत करने की कोशिश करना जरूरी था.
संगीत
फिल्म का संगीत अच्छा है, सुनने में ठीक लगता है लेकिन फिल्मांकन के दौरान कहानी की रफ्तार को प्रभावित करता है. वैसे शुरुआत के क्रेडिट्स के
दौरान आने वाला गीत 'चल चलिए' अच्छा है.
क्यों देखें
टाइगर श्रॉफ, जैकलीन या रेमो की फिल्में पसंद हैं. तो एक बार देख सकते हैं, वैसे ये फिल्म बच्चों को जरूर आकर्षित करेगी.
आर जे आलोक