'मेरे लिए खाना नहीं पका सकी', बाबा के लिए योगराज को 'छोड़' गई थीं पत्नी, छलका दर्द

पूर्व क्रिकेटर और एक्टर योगराज सिंह ने अपने जीवन के सबसे दर्दनाक अनुभवों में से एक शेयर किया. उन्होंने उस दिन को याद किया जब उनके बेटे युवराज सिंह और एक्स वाइफ शबनम ने उन्हें छोड़ दिया था. योगराज ने बताया कि उन्होंने संघर्षों, गरीबी और अकेलेपन का सामना किया. भगवान में उनकी आस्था ने उन्हें जीवित रखा.

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योगराज ने याद किए दर्दभरे दिन (Photo: Screengrab) योगराज ने याद किए दर्दभरे दिन (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:40 PM IST

पूर्व क्रिकेटर और एक्टर योगराज सिंह अपनी विवादित शख्सियत और बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. योगराज ने एक बार फिर अपने जीवन के सबसे दर्दनाक अध्याय के बारे में खुलकर बात की. योगराज ने वह दिन याद किया जब उनके बेटे युवराज सिंह और एक्स वाइफ शबनम ने उनका घर छोड़ दिया था और कभी वापस नहीं लौटे.

योगराज को छोड़ गए थे बेटा और बीवी

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‘अनटोल्ड पंजाब’ के साथ एक गहरे चिंतन भरे इंटरव्यू में योगराज ने स्वीकार किया कि इस अलगाव ने उन्हें तोड़ दिया था और उनकी जिंदगी पूरी तरह से उलट-पुलट हो गई थी. उन्होंने कहा, 'मैं एक पापी हूं. मैंने अपनी जिंदगी में कई गलतियां की हैं. मैंने पूरी जिंदगी कष्ट झेले, लेकिन जिस दिन युवी और उनकी मां ने मुझे छोड़ा, मेरी जिंदगी उलट गई. लेकिन यह होना नियति में था. मुझे लगता है कि मुझे भगवान ने प्रशिक्षित किया.'

गरीबी का किया सामना

परित्याग के बाद के अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए योगराज ने बताया कि उन्हें पूर्ण एकांत और गरीबी का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, 'ऐसे दिन थे जब मेरे पास खाना नहीं था. बारिश हो रही थी. मेरे पास जाने की कोई जगह नहीं थी. कोई मेरी परवाह नहीं करता था. सभी ने मुझसे मुंह मोड़ लिया था. लोगों को लगता था कि मैं जिंदा नहीं रह पाऊंगा.' उन्होंने ये भी कहा कि भगवान में उनकी आस्था ने उन्हें जीवित रखा. योगराज बोले, 'जब मुझे भाग मिल्खा भाग के लिए 5 लाख रुपये ऑफर हुए, तब मेरी जेब में 5 रुपये भी नहीं थे.'

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योगराज सिंह कथित तौर पर उस समय जेल में थे, जब बेटे युवराज ने भारत के लिए क्रिकेट में डेब्यू किया था. उन्होंने कहा कि उनका अंतिम मिशन अपने बेटे को एक लेजेंड बनाना था. उन्होंने कहा, 'मेरी बदले की तीव्र इच्छा के कारण सब कुछ बिखर गया.' उन्होंने पहले एसएमटीवी को दिए एक इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि 'मेरी जवानी में मेरे साथ अन्याय हुआ था. मैं उन लोगों से बदला लेना चाहता था जिन्होंने मेरा करियर बर्बाद किया. मैं अपने बेटे के माध्यम से यह हासिल करना चाहता था. उस जुनून ने मुझे सब कुछ गंवाने पर मजबूर कर दिया.'

मैंने पाप किया है: योगराज

पिछले कई इंटरव्यू में योगराज ने अपने टूटे हुए रिश्तों के बारे में बात की है. उन्होंने ऐलान किया कि उनके पास 'कोई परिवार नहीं है' और उनका एकमात्र सच्चा साथी भगवान है. हालांकि हाल के वर्षों में उनका लहजा नरम पड़ा है. एक जानलेवा अनुभव से बचने के बाद 66 साल के योगराज अब अपनी गलतियों के लिए पश्चाताप व्यक्त करते हैं. उन्होंने कबूल किया, 'मैंने पाप किया है और अपने सबसे प्रिय लोगों के साथ गलत किया है.'

बाबा की सेवा से थी चिढ़

फिर भी एक विषय अभी भी उनके मन में कड़वाहट पैदा करता है, और वह है उनकी पूर्व पत्नी की आध्यात्मिक भक्ति. योगराज ने खुलासा किया कि उनका विरोध उनकी पत्नी के हंसली वाले बाबा के साथ जुड़ाव से था. उन्होंने कहा, 'गुरु ग्रंथ साहिब से बड़ा कुछ भी नहीं है. मैं इन तथाकथित नेताओं पर भरोसा नहीं करता. कुछ शायद सच्चे हों, लेकिन मुझे नहीं पता. मुझे लगता था कि तुम अपने पति के पैर नहीं दबा सकती थीं, तुम उनके लिए खाना नहीं बना सकती थीं, लेकिन तुम बाबा की सेवा करने में खुश थीं. यह सिर्फ मेरे घर की बात नहीं है. यह एक सामान्य बयान है.'

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युवराज की ओर इशारा करते हुए योगराज ने अफसोस जताया कि उनके बलिदानों को नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने कहा, 'जिस पिता ने तुम्हें इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए खून, पसीना और आंसू बहाए, क्या वह तुम्हारे बाबा से कम है? जिस आदमी ने चार परिवारों का पालन-पोषण किया और अपने लिए एक रुपया भी खर्च नहीं किया, तुमने उससे मुंह मोड़ लिया? तुमने अपने पिता के लिए कभी एक कुर्ता-पायजामा नहीं खरीदा, लेकिन बाबा को 15 लाख की घड़ी तोहफे में दी गई?'

अपने दुख के बावजूद योगराज के चिंतन एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाते हैं जो पछतावे, आस्था और लालसा के बीच फंसा हुआ है. एक पिता जिसका गर्व और दर्द एक साथ मौजूद हैं. पूर्व भारतीय क्रिकेटर से एक्टर बने योगराज सिंह, 1970 के दशक से अभी तक 200 से अधिक पंजाबी और हिंदी फिल्मों में नजर आ चुके हैं. उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों 'भाग मिल्खा भाग' और 'सिंह इज ब्लिंग' में भी काम किया है.

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