कागज ने साबित करा जिस जिंदा इंसान को मरा हुआ, क्या मिलेगा उसे इंसाफ

फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने शादी बारातों में बैंड बजाने वाले एक शख्स की भूमिका निभाई है जो कागजी तौर पर मर चुका है और अब दर-दर जाकर कोशिश कर रहा है कि किसी तरह उसके जीवित होने का डॉक्यूमेंट बन सके.

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पंकज त्रिपाठी पंकज त्रिपाठी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी की अपकमिंग फिल्म कागज का ट्रेलर गुरुवार को रिलीज कर दिया गया है. पंकज त्रिपाठी ने खुद इसे अपने वैरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर किया है. ट्रेलर को शेयर करते हुए पंकज ने लिखा, "ये रहा हमारी फिल्म कागज का ट्रेलर." सलमान खान फिल्म्स के बैनर तले बन रही इस फिल्म का निर्देशन सतीश कौशिक कर रहे हैं और ये फिल्म हंसी-मजाक भरे अंदाज में एक ऐसे व्यक्ति की तकलीफ बयां करती हैं जो जीवित तो है लेकिन कागजी तौर पर उनकी मौत हो चुकी है.

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फिल्म की कहानी

फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने शादी बारातों में बैंड बजाने वाले एक शख्स की भूमिका निभाई है जो कागजी तौर पर मर चुका है और अब दर-दर जाकर कोशिश कर रहा है कि किसी तरह उसके जीवित होने का डॉक्यूमेंट बन सके. दिलचस्प बात ये भी है कि फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है. आजमगढ़ के भारत लाल उर्फ लाल बिहारी की जिंदगी पर आधारित ये फिल्म उस संघर्ष को दिखाती है जो उन्हें खुद को कागजों में जीवित साबित करने के लिए करना पड़ा.

कब होगी स्ट्रीम 

ये फिल्म 7 जनवरी को वीडियो स्ट्रीमिंग पोर्टल जी5 पर रिलीज होगी. फिल्म साल 2020 में ही मई में रिलीज होनी थी लेकिन कोविड के चलते सिनेमाघर बंद हो गए साथ ही हर तरह की शूटिंग पर भी प्रतिबंध लग गया. जिसके बाद अब इसे ऑनलाइन रिलीज किया जा रहा है. हालांकि जो फैन्स इस फिल्म को सिनेमाघरों में देखना चाहते हैं उनके लिए गुड न्यूज ये है कि इसे उत्तर प्रदेश के कुछ सिनेमाघरों में भी रिलीज किया जाएगा.

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एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पंकज त्रिपाठी ने बताया कि फिल्म के लिए उन्होंने खुद को लाल की दुनिया में उतार लिया था और उन्हें बहुत जल्द ये बात समझ में आ गई कि वह कितनी अजीब स्थिति में फंसे हुए थे. उन्होंने कहा, "जिस पल उन्होंने मुझे ये कहानी सुनाई, मैं तभी इसके लिए तैयार हो गया था. मैंने उसके कहा कि मेरे पास डेट्स हैं और मैं तैयार हूं, बस बता दीजिएगा कि मुझे कब से आना है."

झट से हथिया ली थी फिल्म

पंकज ने कहा, "एक कलाकार के तौर पर आप ऐसी स्क्रिप्ट्स की तलाश में होते हैं जो आपको ये महसूस करा सकें कि मैं ये कहानी डिजर्व करता हूं. मैंने फिल्म कागज के साथ वैसा ही महसूस किया है. मैंने ये फिल्म उसी वक्त हथिया ली इससे पहले कि वो अपना विचार बदल देते.

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