एक्टर कुणाल खेमू ने इंडस्ट्री में कई फिल्मों में काम किया है, हालांकि, उन्हें उतनी सफलता नहीं मिल पाई. कुणाल ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर कदम रखा था. इंडस्ट्री में वो लंबे समय से काम कर रहे हैं. उतार-चढ़ाव से भरी रही इस जर्नी में उन्होंने बहुत कुछ सीखा. हाल ही में एक्टर ने करियर में अपने लो फेज और इंडस्ट्री के बारे में बात की.
बता दें कि कुणाल ने वैसे 1993 में Sir नाम की फिल्म से डेब्यू किया था. लेकिन एक लीड हीरो के तौर पर वो 2007 में आई फिल्म कलयुग में नजर आए थे.
क्या बोले कुणाल खेमू?
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, कुणाल खेमू ने अपने करियर के लोएस्ट फेज के बारे में बात करते हुए कहा- '2008-2009 में मैं बहुत खाली महसूस कर रहा था. मुझे लगा कि यहां चीजें मुझसे ज्यादा बड़ी हैं. मुझे नहीं पता था कि इन्हें कैसे हैंडल करना है. मैं अकेला फील कर रहा था. हम सभी इससे गुजरते हैं. मैंने बहुत मेहनत की थी.'
'बॉक्स ऑफिस पर निर्भर करता है'
आगे उन्होंने कहा- 'मुझे बहुत स्नेह मिला, पर इसने मुझे किसी ऐसे इंसान की रेंक में नहीं रखा, जो धर्मा या यशराज फिल्म तक पहुंचे. मैं एक थिएटर बॉय था. जिसने कहा था कि छोटे या बड़े से फर्क नहीं पड़ता, मैं सिर्फ स्क्रिप्ट पर विश्वास करता हूं. मुझे लगता है कि मैं भी थोड़ा भोला था और मुझे लगा कि मेरे पास सभी लर्निंग हैं. मैंने कोशिश की. कलयुग, ट्रैफिक ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया, ढोल बॉक्स ऑफिस पर सफल रही, लेकिन सुपरस्टार मेरी पहली फ्लॉप थी. मुझे इस चीज ने उतना हिट नहीं किया, बल्कि इसके बाद जो हुआ वो बहुत मुश्किल था. कैसे चीजें बदल गईं. इंडस्ट्री में, ये बॉक्स ऑफिस पर निर्भर करता है.'
'एक निश्चित सीमा तक, आप कौन हैं ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके पास कौन सा सपोर्ट सिस्टम है. ये ऐसा है कि ऊगते हुए सूरज को हर कोई सलाम करता है. अगर कोई चीज़ अच्छी बिक रही है, तो हर कोई आपके साथ जुड़ना चाहता है. अंत में ये एक व्यवसाय है.'
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