कैसे बनी थी हीरो फिल्म की आइकॉनिक ट्यून, ये है असली कहानी

बता दें कि जैकी श्रॉफ की ये फिल्म दिसंबर 1983 में रिलीज हुई थी. फिल्म को सुभाष घई ने डायरेक्ट किया था. मूवी में मीनाक्षी शेषाद्री फीमेल लीड रोल में थीं.    

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जैकी श्रॉफ जैकी श्रॉफ

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:36 PM IST

एक्टर जैकी श्रॉफ आज (1 फरवरी) बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. जैकी ने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं और आज भी वो लगातार फिल्मों में सक्रिय हैं. उन्होंने देव आनंद की फिल्म स्वामी दादा से डेब्यू किया था. इसके बाद वो फिल्म हीरो में नजर आए. इस फिल्म ने जैकी श्रॉफ को रातोरात स्टार बना दिया था. मूवी को खूब सफलता मिली थी. ये एक म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा थी. मूवी में बांसुरी की धुन बहुत फेमस हुई थी. आइए जानते हैं वो धुन कैसे बनी थी. 

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सुभाष घई ने क्या कहा?

एक इंटरव्यू में सुभाष घई ने कहा था- जब मैंने अपनी फिल्म की कहानी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को बताई, तो वे चाहते थे कि ये एक म्यूजिकल स्कोर हो, जिसे हमेशा के लिए याद रखा जाए. आइकॉनिक बांसुरी की धुन को पियानो पर प्यारेलाल-जी ने कंपोज किया था. इसके बाद फेमस बांसुरी बजाने वाले हरिप्रसाद चौरसिया ने बजाया. उस समय का आइकॉनिक म्यूजिकल स्कोर तैयार किया गया था, जिसने जैकी श्रॉफ को रोमांटिक स्टार के रूप में लॉन्च किया गया था.
  
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सुभाष घई ने कहा था कि टाइमलेस म्यूजिक और बांसुरी की धुन इस फिल्म की वास्तविक स्टार थी. सुभाष ने कहा था- 'स्क्रिप्ट में शुरू से ही ये बताया गया था कि बांसुरी फिल्म की हीरो थी, जिसने दो लवर्स के बीच प्यार का आधार बनाया.'

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बता दें कि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी कई रिकॉर्ड कायम किए थे. जैकी श्रॉफ की ये फिल्म दिसंबर 1983 में रिलीज हुई थी. फिल्म को सुभाष घई ने डायरेक्ट किया था. मूवी में मीनाक्षी शेषाद्री फीमेल लीड रोल में थीं.    

 

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