जब बेटी की खातिर 'उपकार' के मंगल चाचा बने प्राण, विलेन इमेज ने जीना किया था मुश्किल

प्राण की बेटी ने उनकी 'बैड मैन' वाली इमेज से तंग आकर, उनसे एक 'अच्छा रोल' करने के लिए कहा था. वेटरन जर्नलिस्ट ने बताया कि प्राण की बेटी ने कहा था, 'मेरे क्लासमेट्स मुझे कहते रहते थे कि मेरे पापा विलेन हैं, इसलिए प्लीज एक अच्छा रोल कर लीजिए.'

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एक्टर प्राण एक्टर प्राण

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:00 AM IST

हिंदी फिल्मों के सबसे आइकॉनिक विलेन्स में से एक प्राण को फिल्म फैन्स कभी नहीं भुला सकते. अपनी अनोखी आवाज और स्वैग के लिए मशहूर प्राण ने 'देवदास', 'जिस देश में गंगा बहती है' और 'पूरब और पश्चिम' जैसी कई यादगार फिल्मों में विलेन का रोल किया था. लेकिन फिल्मों में विलेन बनने की वजह से उन्हें एक बार पब्लिक इवेंट में जाने से डर लगा था. 

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वेटरन फिल्म जर्नलिस्ट रोशमिला भट्टाचार्य ने प्राण पर खुलासा करते हुए बताया है कि प्राण की बेटी भी चाहती थीं कि वो 'विलेन' वाली इमेज बदलें. और एक बार तो एक शादी में जाते हुए खुद प्राण को डर लगा था कि कहीं पब्लिक उन्हें गालियां न देने लगे!

प्राण के विलेन बनने से तंग थीं उनकी बेटी 
यूट्यूब चैनल इन कन्वर्सेशन विद ईशान में रोशमिला ने बताया कि प्राण की बेटी ने उनकी 'बैड मैन' वाली इमेज से तंग आकर, उनसे एक 'अच्छा रोल' करने के लिए कहा था. उन्होंने बताया कि प्राण की बेटी ने कहा था, 'मेरे क्लासमेट्स मुझे कहते रहते थे कि मेरे पापा विलेन हैं, इसलिए प्लीज एक अच्छा रोल कर लीजिए.' 

रोशमिला ने बताया, 'उसी समय उन्होंने मनोज कुमार की फिल्म 'उपकार' साइन की, जिसमें उन्होंने मलंग चाचा का रोल किया था, फिल्म रिलीज होने के बाद ये किरदार सबका फेवरेट बन गया और फिल्म बहुत बड़ी हिट बन गई.' मनोज कुमार ने 'उपकार' से बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया था. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्धपर बाई इस फिल्म में मलंग चाचा का किरदार, मनोज के लीड किरदार को हमेशा सही दिशा दिखाता है. सालों तक विलेन बनने के बाद प्राण के इस 'पॉजिटिव' रोल ने जनता को बहुत इम्प्रेस किया था. प्राण ने ये माना था कि शायद पहली बार किसी किरदार के लिए उन्हें फैन्स से इज्जत मिली थी. 

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जब प्राण को लगा पब्लिक से डर
रोशमिला ने याद करते हुए बताया, 'इंडस्ट्री के एक व्यक्ति की शादी थी और नेचुरली वहां बहुत भीड़ थी. कारें जहां पर लोगों को उतार रही थीं, वेन्यू वहां से थोड़ा आगे था. दोनों तरफ लोगों की भीड़ थी, जो स्टार्स को देखने-मिलने आए थे. प्राण साहब ने मुझे कहा- 'मुझे डर लगने लगा, कि ये लोग मुझे गाली देना शुरू कर देंगे.' 

प्राण साहब ने रोशमिला को बताया था, 'जैसे ही मैं कार से नीचे उतरा, वहां एकदम सन्नाटा हो गया. अचानक किसी ने कहा, 'मनोज चाचा आ रहे हैं!' भीड़ साइड हो गई ताकि मैं आराम से चल सकूं.' 

रोशमिला आगे बताती हैं, 'उन्होंने कहा 'उस दिन मुझे जो इज्जत मिली... जो भी किरदार आप करते हो, हीरो, विलेन या एक कैरेक्टर एक्टर, आप ऑडियंस के लिए वही बन जाते हो.' 

प्राण की इमेज पर बात करते हुए रोशमिला ने बताया, दर्शकों पर उनकी ऑनस्क्रीन इमेज का ऐसा असर था कि लोगों ने कभी अपने बच्चों का नाम प्राण नहीं रखा. लोगों को डर था कि उनके बच्चे कहीं आइकॉनिक ऑनस्क्रीन विलेन की तरह न निकल जाएं. वो बताती हैं, 'लेकिन वो प्योर जेंटलमैन थे.' प्राण ने 2013 में, 93 साल की उम्र में इस संसार को अलविदा कहा था. 

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