आमिर की लगान में दिखीं ग्रेसी, बोलीं- संतोषी मां बनकर आया जिंदगी में बदलाव

एक तरफ ग्रेसी सिंह ने बेहतरीन फिल्में करके दर्शकों के दिलों को जीता तो वहीं वो पिछले कुछ समय से  &TV के सीरियल संतोषी मां में माता रानी का किरदार निभाकर दर्शकों की आस्था और विश्वास को भी जीत रही हैं.

Advertisement
ग्रेसी सिंह ग्रेसी सिंह

जयदीप शुक्ला

  • मुंबई,
  • 22 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

एंड टीवी के सुपरहिट सीरियल ‘संतोषी मां – सुनाएं व्रत कथाएं’ में माता का किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस ग्रेसी सिंह को आज कई घरों में देवी की तरह पूजा जाता है. ग्रेसी सिंह पिछले 20 सालों से भी ज्यादा वक्त से बॉलीवुड में एक्टिव हैं. ग्रेसी सिंह वैसे तो ढेर सारी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का दम दिखा चुकी हैं, लेकिन आमिर खान के साथ फिल्म लगान, अजय देवगन के साथ फिल्म गंगाजल और संजय दत्त के साथ फिल्म मुन्ना भाई MBBS  जैसी सुपरहिट फिल्मों के जरिए वो आज भी दर्शकों के दिलों पर राज करती हैं. 

Advertisement

संतोषी मां बनकर होता है शांति का अनुभव

एक तरफ ग्रेसी सिंह ने बेहतरीन फिल्में करके दर्शकों के दिलों को जीता तो वहीं वो पिछले कुछ समय से  &TV के सीरियल संतोषी मां में माता रानी का किरदार निभाकर दर्शकों की आस्था और विश्वास को भी जीत रही हैं. आजतक से बात करते हुए ग्रेसी सिंह कहती हैं कि ''जब मैं संतोषी मां के सेट पर बिना मेकअप के होती हूं, तो उस वक्त मेरा एक आम व्यक्तित्व होता है. लेकिन जब मैं संतोषी मां के किरदार में आती हूं, उनका रूप धारण करती हूं, तो फिर मैं उन्हे अपने साथ अनुभव करने लगती हूं और मेरा मन सुख और शान्ति से भर जाता है और मुझे अंदर ही अंदर बहुत अच्छा अनुभव होता है.''

आध्यात्म से सुलझाती हैं परेशानियां

ग्रेसी सिंह आगे कहती हैं कि ''मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है जब लोगों ने मेरे पैर छू कर मेरा आशीर्वाद लेने की इच्छा जाहिर की, लेकिन मैं उन्हें ऐसा करने से मना कर देती हूं. हां जब किसी समस्या से परेशान होकर लोग मुझे माता रानी समझकर मुझसे अपनी समस्याएं साझा करते हैं तो मैं अध्यात्मिक तरीके से उनकी परेशानी को हल करने की कोशिश करती हूं.''

Advertisement

नवरात्रि पूजा के बारे में बात करते हुए ग्रेसी सिंह ने बताया कि ''हम घर पर अष्टमी पूजते हैं और पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं. हर साल की तरह इस साल भी कन्या पूजन का बहुत मन था लेकिन कोरोना के चलते हम ऐसा कर नहीं पाए. इसलिए हमने प्रसाद बनाकर घर के आसपास की कन्याओं के घर भिजवा दिया था.''

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement