मनी लांड्रिंग केस: ED दफ्तर पहुंचे करीना कपूर के कजिन अरमान जैन

अरमान जैन की तो घर की तलाशी लिए जाने के बाद बीते सप्ताह बुधवार को उन्हें समन भेजा गया था लेकिन उन्होंने कुछ निजी कारणों को वजह बताते हुए पूछताछ के लिए आने से इनकार कर दिया. इसके बाद अरमान को दूसरा समन भेजा गया जिसके बाद आज वह पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर पहुंचे हैं.

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अरमान जैन अरमान जैन

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 17 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST
  • पूछताछ के लिए ED के दफ्तर पहुंचे अरमान जैन
  • टॉप्स ग्रुप केस में आया था नाम
  • पिछले समन पर किया था आने से इनकार
  • निजी कारणों को बताया था नहीं आ पाने की वजह

दिवंगत दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर के पोते अरमान जैन टॉप्स ग्रुप केस में पूछताछ के लिए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के दफ्तर पहुंच चुके हैं. MMRDA के जॉइंट कमिश्नर बीजी पवार भी ईडी के दफ्तर पहुंच चुके हैं. उन्हें भी इस केस में समन भेजा गया था क्योंकि दो आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनसे रिश्वत लेकर टॉप्स ग्रुप का नाम ब्लैकलिस्ट नहीं किए जाने के मामले में उनका नाम सामने आया था.

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बात करें अरमान जैन की तो घर की तलाशी लिए जाने के बाद बीते सप्ताह बुधवार को उन्हें समन भेजा गया था लेकिन उन्होंने कुछ निजी कारणों को वजह बताते हुए पूछताछ के लिए आने से इनकार कर दिया. इसके बाद अरमान को दूसरा समन भेजा गया जिसके बाद आज वह पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर पहुंचे हैं. बता दें कि अरमान जैन बॉलीवुड एक्टर रणवीर कपूर और करीना कपूर खान के कजिन ब्रदर हैं.

किन फिल्मों में किया है काम?
रणबीर कपूर और करीना कपूर खान के कजिन अरमान जैन को फिल्म लेकर हम दीवाना दिल तू और माय नेम इज खान जैसी फिल्मों में बतौर अस्सिटेंट डायरेक्टर काम किया है.

क्यों आया अरमान का नाम?
ईडी के अधिकारीयों ने अरमान जैन के साउथ मुंबई स्थित Altamount रोड स्थित घर पर छानबीन भी की थी. इस केस में अरमान जैन का नाम शिव सेना के एमएलए प्रताप सरनाईक के बेटे विहंग की वजह से आया है. अरमान जैन की दोस्ती विहंग के साथ गहरी है और इसी के चलते उन्हें भी जांच में शामिल किया गया है. विहंग से इस केस में दो बार पूछताछ की जा चुकी है.

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कैसे पहुंची अरमान तक बात?
टॉप्स ग्रुप को MMRDA से साइट्स की सिक्योरिटी का बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला था. इसमें MMRDA की साइट्स पर कंस्ट्रक्शन पर ध्यान देना था. इस ग्रुप के एक अधिकारी ने इल्जाम लगाया कि सिक्योरिटी गार्ड्स पेपर पर जितने बताए गए हैं उससे काफी कम हैं. इससे MMRDA का करोड़ों का नुक्सान हुआ और सरनाईक, जिन्होंने कथित तौर पर टॉप्स ग्रुप को यह कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया था, जो MMRDA फर्म से मुंह की खानी पड़ी.

 

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