70 के दशक में जहां एक तरफ बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने एंग्री यंग मैन की छवि पाई और लोकप्रियता हासिल की वहीं दूसरी तरफ कॉमेन मैन का रोल प्ले कर अमोल पालेकर भी आम जनता के रियल हीरो बन गए. सिंपल लुक, बात करने का अंदाज सिंपल, फिल्मों की कहानियां सरल और अभिनय में एक सफाई. जितनी सरलता से अमोल पालेकर फिल्मों में अपने किरदारों को प्ले किया करते थे वो किरदार चंद मिनटों में ही जीवंत लगने लगते थे. जैसे कि फिल्म नहीं कोई असल जीवन चल रहा हो. तो आइए जन्मदिन के मौके पर जानते हैं एक्टर अमोल पालेकर के जीवन से जुड़ी कुछ बातें.
अमोल पालेकर अपने पूरे करियर के दौरान एक आम नागरिक का किरदार प्ले करने के लिए जाने जाते रहे हैं. छोटी सी बात, घरौंदा, गोलमाल, चितचोर, बातों बातों में, अपने पराय, आदमी और औरत, रंग बिरंगी और बात बन जाए जैसी फिल्में शामिल हैं. इन फिल्मों के जरिए अमोल पालेकर ने दर्शकों के दिल में गहरी छाप छोड़ी. वे अलग-अलग किरदारों में भी नजर आए. भूमिका, आदमी और औरत, गोलमाल और बात बन जाए में उनकी एक्टिंग के अलग ही शेड्स देखने को मिले.
मगर ताज्जुब की बात ये है कि अमोल पालेकर जब करियर की पीक पर थे, उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग थी और उनकी फिल्में भी अच्छा काम कर रही थीं उस दौरान उन्होंने एक्टिंग लगभग छोड़ दी और डायरेक्शन की तरफ रुख किया. कई लोग अमोल पालेकर की ये बात समझ नहीं पाए. मगर एक निर्देशक के तौर पर अमोल पालेकर और भी ज्यादा सक्सेसफुल रहे. उन्हें शानदार निर्देशन के लिए 5 बार नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया.
फिल्म निर्देशन में जमाया सिक्का
उन्होंने साल 1985 में आंखें नाम की फिल्म का निर्देशन किया. वे फिल्म में एक्टर भी थे. इसके अलावा उन्होंने थोड़ा रुमानी हो जाए. दायरा, बांगरवाड़ी, ध्यास परवा, पहेली, क्वेस्ट, समानांतर, एंड वन्स अगेन जैसी फिल्में शामिल हैं. चाहें एक्टिंग हो या फिर डायरेक्शन, अमोल पालेकर ने अपने काम से मनोरंजन तो किया ही साथ ही कई गंभीर विषयों को अलग अंदाज में उजागर भी किया.
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