कहते हैं जहां चाह, वहां राह... भोजपुरी सिंगर देवी ने अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसे करने के लिए मानसिक रूप से आपको मजबूत बनना होगा. देवी, बिना शादी के मां बनी हैं वो भी आईवीएफ से. जब देवी 28-29 साल की थीं तो उन्होंने खुद के लिए एक सपना देखा था. वो यही था. बिना शादी मां बनने का सपना. राह आसान बिल्कुल नहीं थी. करीबन 4 बार इसमें सफलता हासिल नहीं हुई, लेकिन देवी ने हिम्मत नहीं हारी. वो लड़ीं और जीतीं भी.
देवी ने आजतक डॉट कॉम से एक्स्क्लूसिव बातचीत की. खुलकर बताया कि आखिर उनके लिए ये कितना मुश्किल सफर रहा. 10 साल तक आईवीएफ की प्रक्रिया ट्राय करते रहने के बाद उन्हें किस तरह सफलता हासिल हुई और एक 'नन्हे राजकुमार' की मां बनने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ.
बिना शादी, IVF से मां बनने का कदम उठाना मानसिक रूप से काफी चैलेंजिंग होता है?
देवी- खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि परिवार का बहुत सपोर्ट रहा. मेरे पिता काफी ओपन माइंडिड रहे. बच्चे का होना वो या तो प्राकृतिक रूप से या फिर IVF से. बच्चे का होना एक महिला के लिए सुखद अनुभव भी है और चैलेंजिंग भी होता है. काफी इमोशनल जर्नी होती है.
मुझे लगता है कि कोई भी जो प्राकृतिक घटना है, लोगों के अंदर गलत भावना है वो बहुत ही खराब है. मैंने देखा कि लोगों ने जिस तरह से मेरा विरोध किया वो काफी खराब लगा. मैं एक मां हूं, किस परिस्थिति से गुजर रही हूं, वो उन्हें नहीं पता. लोगों ने मुझे जो कुछ भी लिखा या कहा, वो गलत है.
मेरे मन में हमेशा से ही रहा कि मैं उन चीजों को बदलूं जो गलत हो रही हैं. जैसे पहले जमाने में सती प्रथा हुआ करती थी कि अगर किसी का पति मर गया तो उस औरत को भी लोग उसी आग में जला देते थे. ये चीजें गलत हैं. समाज में न जाने कितनी प्रथाएं हैं जो गलत चलती आ रही हैं. मैंने अगर बिना शादी मां बनने का कदम उठाया तो क्या गलत किया. समाज को सेंसिटिव होने की जरूरत है. बच्चे का होना, चाहे वो प्राकृति हो या फिर आईवीएफ से, इस तरह समाज को इसका विरोध नहीं करना चाहिए, जिस तरह से वो मेरा कर रहे हैं. ये अपने आप में समाज की कुंठित मानसिकता को दर्शाता है.
28-29 की उम्र की थी मैं जब मैंने आईवीएफ से मां बनने का सफर शुरू कर दिया था. मुझे लेकिन आइडिया नहीं था कि इतना ट्रोलिंग मुझे मिल जाएगी. मेरे लिए तो शॉकिंग एक्स्पीरियंस था. प्रेग्नेंसी में मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई. न हेल्थ से जुड़ा कोई नुकसान हुआ. पर बाद में जिस तरह मैंने लोगों का विरोध देखा उसने मुझे अफेक्ट किया, लेकिन अब फर्क नहीं पड़ रहा, क्योंकि मेरा बेबी मेरे लिए पहले है.
10 साल का प्रयास लाया रंग
मैं करीब 10 साल से इसका प्रयास कर रही हूं. मुझे बच्चा ऐसे ही नहीं मिल गया है. मैंने पहले साल 2015 में IOI ट्राय किया था. ये मैंने डेनमार्क में कराया था. वो सक्सेसफुल नहीं हुआ. फिर साल 2016 में मैंने IVF ट्राय किया. कई सालों तक मैं करवाती रही IVF. पर पांचवीं बार में मुझे सफलता मिली.
जब 10 साल पहले मैंने ये करवाया था तो इंडिया में इसके बारे में बहुत कम लोग जानते थे. मुझे ये तक बोला गया कि हम बिना शादी की महिला का आईवीएफ नहीं करते हैं. कुछ टाइम मैंने ये चैलेंज फेस किया. फिर मैं डेनमार्क गई, वहां शिफ्ट हुई. वहां पूरी प्रक्रिया बहुत अच्छी हुई. ये सबकुछ मैं अपने परिवार की बदौलत ही कर पाई. मुझे लगता है कि जब आप किसी चीज को सही तरह से समझ रहे होते हैं तो आप कंविन्स्ड होते हैं अपने एक्शन पर.
ट्रोलिंग पर बोलीं देवी
सबसे अच्छी बात मेरे साथ ये रही कि मैं एक अच्छे वातावरण में रही. मेरे लिए ईजी रहा सबकुछ. लेकिन मैं ये कहना चाहती हूं कि जिन भी लोगों ने मुझे ट्रोल किया, वो खराब था. एक जो मां बनती है, लोगों को पता नहीं होता कि वो कितने तरह के इमोशन्स से गुजरती है, कितने तरह के भाव से गुजरती है. अभी भी कुछ लोग बहुत बोल रहे हैं, लेकिन मैं सिर्फ अपने बच्चे की परवरिश पर ध्यान दे रही हूं. मैं डिस्टर्ब नहीं हो रही हूं. लोग हैं, अपने बुरे कर्म कर रहे हैं.
मदरहुड पीरियड कैसा है?
देवी- मेरा बेबी बहुत हेल्दी है. मेरा मदरहुड पीरियड काफी अच्छा जा रहा है. मेरी बहन और पिता का काफी सपोर्ट मिल रहा है. क्योंकि मैं जॉइंट फैमिली में रहती हूं तो काफी सहारा है सभी का. मेरी लाइफ का ये बहुत अलग फेज चल रहा है. मेरा अंदर काइंडनेस और ज्यादा आ गई है. बेबी को लेकर मैं काफी प्रोटेक्टिव महसूस करती हूं.
नहीं महसूस होती पार्टनर की जरूरत
देवी ने कहा- पार्टनर तो हर महिला चाहती है. मैंने भी चाहा था. मेरे भी कुछ पार्टनर्स रहे जिंदगी में. कई बार ऐसा संजोग हुआ कि वो लोग बिना शादी के बच्चा करने के लिए तैयार नहीं हुए. तो मुझे फिर आईवीएफ का सहारा लेना पड़ा. शादी में मैं कभी इसलिए भी इंट्रस्टेड नहीं रही, क्योंकि मैंने बहुत सारी लड़कियों की शादी में जिंदगी नर्क बनते देखी है. पढ़े-लिखे लोग भी लड़कियों की आजादी को काट देते हैं. लड़की को प्रेशर की तरह रखते हैं. जिस तरह से औरतों का शोषण किया जाता है वो खराब है. शादी के बाद लड़की की जिंदगी पति, बच्चा और सास-ससुर ही रह जाते हैं. पर मैं कभी बंधकर रहने वालों में से नहीं रही. बंधकर रहने से मुझे परेशानी है. मैंने इसलिए शादी को कभी प्रेफरेंस नहीं दी.
काम पर कब तक करेंगी वापसी?
देवी- जो लोग मुझे पर्सनली जानते हैं उन सभी ने मुझे इस कदम को उठाने में सपोर्ट दिखाया है. इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा दोस्त मेरे नहीं है, लेकिन जितने भी गिने-चुने हैं, सभी ने बधाई दी है.
रही बात काम की तो जितना मेरे से हो पा रहा है वो कर रही हूं. बेबी मेरा दिसंबर तक 3 महीने का हो जाएगा तो मैं ट्रैवल करने का प्लान कर रही हूं. परिवार ही बेबी को देख रहा है.
पोस्टपार्टम डिप्रेशन में देवी?
सिंगर ने कहा- जब मेरी डिलीवरी हो रही थी तो मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे. मेरी बहन मेरे साथ ऑपरेशन थियटर में थी तो उसने ही मुझे वहां संभाला है. मानसिक रूप से मैं थोड़ा डिसटर्ब हो गई थी, लेकिन मैं इस फेज को एन्जॉय कर रही हूं. मैं अपने अंदर काफी बदलाव देख रही हूं. फीलिंग्स बदल गई हैं, प्रोटेक्टिव ज्यादा हो गई हूं, बेहतर इंसान बन रही हूं. रही बात वजन बढ़ने की जो प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद बढ़ा दिखता है. इसके लिए मैं सोचती हूं कि ये नैचुरल चीज है, आप कभी भी शेप में आ सकते हैं. मेरी सी सेक्शन डिलीवरी हुई है तो मैं अभी थोड़ा एक्टिव नहीं रह सकती. लेकिन जल्द वर्कआउट शुरू करूंगी.
सिंगर देवी के वर्कफ्रंट पर एक नजर डाले तो वो अबतक 50 से ज्यादा एल्बम गा चुकी हैं. देवी को चंदा कैसेट्स के 'बावरिया' गाने से पहचान मिली थी. इस गाने ने यूपी और बिहार में धूम मचा दी थी. एल्बम से उनके गाने 'पिया गईले कलकतवा ए सजनी', 'कुएं का ठंडा पानी', 'परवल बेचे जाईब भागलपुर' और 'अंगुरी में डसले बिया नगिनिया' आज भी लोगों को खूब पसंद आते हैं.
खुशबू विश्नोई