चंबल के बीहड़ों में अब डकैतों का आतंक नहीं है लेकिन सरकारी योजनाएं अब भी यहां नहीं पहुंचीं हैं. बिजली आई है लेकिन तार कटे हैं. शौचालय अब भी कई घरों में नहीं हैं. महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ता है. युवाओं के पास रोज़गार नहीं है. देखें चंबल घाटी के बीहड़ इटावा संसदीय क्षेत्र के एक गांव जरौली से कुमार कुणाल की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.