उत्तर प्रदेश जौनपुर जिले की एक विधानसभा सीट है मु्ंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट. मुंगरा बादशाहपुर एक कस्बा है. जौनपुर जिले का मुंगरा बादशाहपुर कस्बा प्रयागराज शहर से करीब 48 किलोमीटर दूर है. ग्रामीण इलाकों के इस विधानसभा क्षेत्र में लोगों की आजीविका का मुख्य साधन कृषि है. रोजगार की तलाश में युवाओं को शहरों की ओर पलायन करना पड़ता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट के सियासी अतीत की बात करें तो ये सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. इससे पहले इस इलाके के लोग गढ़वारा विधानसभा सीट से विधायक चुनने के लिए मतदान करते थे. 2012 में इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सीमा द्विवेदी विजयी रही थी. बीजेपी की सीमा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के रमेश को हरा दिया था.
2017 का जनादेश
मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर के बावजूद यहां पार्टी को मात खानी पड़ी थी. बसपा की सुषमा पटेल ने बीजेपी की सीमा द्विवेदी को हरा दिया था. बसपा की सुषमा पटेल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की सीमा द्विवेदी को 5 हजार 920 वोट से हरा दिया था. कांग्रेस के अजय शंकर दुबे तीसरे और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सुभाष चंद्र चौथे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख मतदाता हैं. इस विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में राजभर बिरादरी के मतदाताओं की तादाद भी अच्छी खासी है. इस विधानसभा क्षेत्र में सामान्य वर्ग के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मुंगरा बादशाहपुर विधानसभा सीट से 2017 में बसपा के टिकट पर जीतीं सुषमा पटेल अब पाला बदल चुकी हैं. सुषमा पटेल अब सपा में हैं. सुषमा पटेल का दावा है कि उनके कार्यकाल के दौरान हर इलाके का विकास हुआ है. विरोधी दलों के नेता विकास के मसले पर विधायक को घेर रहे हैं. इस विधानसभा सीट के लिए यूपी चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 7 मार्च को चुनाव होने हैं. गौरतलब है कि सूबे की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरण में चुनाव हो रहे हैं.
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