उत्तर प्रदेश का कौशांबी जिला प्रयागराज से सटा हुआ है. 4 अप्रैल, 1997 को इलाहाबाद से अलग होकर अलग जिला बने कौशांबी की पहचान जैन और बौद्ध धर्म की भूमि के रूप में है. कौशांबी जैन धर्म के छठे तीर्थंकर श्रीपद्मप्रभ के जन्म स्थान और बुद्ध काल में वत्स राज्य की राजधानी था. कौशांबी जिला उत्तर में प्रतापगढ़, पूर्व में प्रयागराज, दक्षिण में चित्रकूट और पश्चिम में फतेहपुर जिले से घिरा हुआ है.
कौशांबी जिले की एक विधानसभा सीट है चायल विधानसभा सीट (Chail Assembly seat). साल 1962 से 2012 तक ये विधानसभा सीट आरक्षित रही. इस सीट पर लगातार तीन दफे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कब्जा रहा. बसपा के दयाराम पासी लगातार दो बार विधायक रहे, जबकि एक दफे पार्टी के आशिफ जाफरी विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
चायल विधानसभा सीट 2012 से सामान्य सीट हो गई है. 2012 के विधानसभा चुनाव में सामान्य सीट से बसपा के आसिफ जाफरी चुनाव जीते थे. बसपा के खाते में ये सीट लगातार तीसरी बार गई थी. बसपा साल 2002 से 2012 तक अपनी सीट बचाने में कामयाब रही लेकिन, 2017 के चुनाव में तीसरे पायदान पर खिसक गई.
2017 का जनादेश
चायल विधानसभा सीट से 2017 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संजय कुमार गुप्ता को उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी के टिकट पर उतरे संजय ने बसपा के जीत का चौका लगाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. बीजेपी के संजय ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार तलत अजीम को 40 हजार से अधिक वोट के बड़े अंतर से हराया. बसपा के आशिफ जाफरी तीसरे स्थान पर रहे.
सामाजिक ताना-बाना
चायल विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां अनुसूचित जाति और जनजाति के मतदाताओं की तादाद अधिक है. चायल विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वर्ग के मतदाता भी चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. चायल विधानसभा क्षेत्र में पिछड़ी जातियों के मतदाताओं की भी अच्छी तादाद है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
चायल विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक संजय कुमार गुप्ता का जन्म 18 अगस्त 1974 को भरवारी में हुआ था. गरीब परिवार में जन्में संजय कुमार गुप्ता के पिता प्रेम चंद गुप्ता और माता गायत्री देवी ने भरण-पोषण की गंभीर चुनौतियों के बीच दो बेटे और तीन बेटियों को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाया. संजय कुमार गुप्ता की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई थी. संजय गुप्ता कामकाज के साथ ही बीजेपी से भी जुड़ गए और 1995-96 में पार्टी ने उन्हें भरवारी नगर का संगठन मंत्री बना दिया.
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संजय गुप्ता साल 2000 में बीजेपी की यूथ विंग के जिला महामंत्री चुने गए. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े. 2010 में बीजेपी के जिला महामंत्री बने और 2012 में भरवारी नगर पंचायत के चेयरमैन चुन लिए गए. चेयरमैन रहते संजय गुप्ता ने अच्छे नेता की छवि बनाई और बीजेपी ने उन्हें 2016 में प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बना दिया. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने संजय को टिकट दिया और संजय ने बसपा के किले में सेंध लगा दी. 2022 के चुनाव में क्या होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
(रिपोर्ट- अखिलेश कुमार)
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