लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. पूर्व सीएम कमलनाथ के छिंदवाड़ा में सबसे करीबी दीपक सक्सेना ने देर रात बीजेपी का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें सदस्यता दिलाई. बता दें कि दीपक सक्सेना पिछले 44 साल से कमलनाथ के साथ जुड़े हुए थे. दीपक 4 बार कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं और एमपी सरकार में 2 बार मंत्री भी रहे हैं. दीपक सक्सेना को कमलनाथ का 'हनुमान' कहा जाता था.
दीपक सक्सेना ने 2018 के चुनाव में छिंदवाड़ा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन कमलनाथ को विधानसभा चुनाव लड़ाने के लिए विधायकी छोड़ दी थी. कमलनाथ ने सीएम बनने के बाद छिंदवाड़ा से विधानसभा का उपचुनाव लड़ा था. बता दें कि 22 मार्च को दीपक सक्सेना के बेटे ने भी बीजेपी की सदस्यता ली थी. बेटे के बीजेपी में जाने पर दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, तब से उनके बीजेपी में जाने की अटकलें लग रही थीं. 27 मार्च को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने छिंदवाड़ा में दीपक सक्सेना से मुलाकात की थी. अब छिंदवाड़ा में कमलनाथ के ज्यादातर करीबी भाजपा में शामिल हो गए हैं.
हाल ही में कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस को एक और झटका लगा था. छिंदवाड़ा नगर निगम महापौर विक्रम अहाके ने भोपाल पहुंचकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विक्रम अहाके को सदस्यता दिलाई थी. नकुलनाथ के आदिवासियों को लेकर दिए गए बयान से आहत होकर विक्रम अहाके भाजपा में शामिल हुए थे. महापौर विक्रम अहाके के साथ छिंदवाड़ा नगर निगम जल विभाग सभापति प्रमोद शर्मा, अनुसूचित जाति विभाग जिला अध्यक्ष सिद्धांत थनेसर, पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष आशीष साहू, पूर्व एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष धीरज राऊत, पूर्व एनएसयूआई जिला कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय, पूर्व एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष सुमित दुबे भी भाजपा में शामिल हुए थे.
इससे पहले, छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह बीजेपी में शामिल हुए थे. भोपाल के मुख्यमंत्री निवास पर अमरवाड़ा के विधायक कमलेश शाह के साथ उनकी धर्मपत्नी हरई नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष माधवी शाह और बहन जिला पंचायत सदस्य केसर नेताम ने बीजेपी की सदस्यता ली थी.
रवीश पाल सिंह