राजसमंद सीट: BJP और कांग्रेस को मिलती रही जीत

2014 के लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने एक बार फिर अपने सांसद गोपालसिंह शेखावत पर दांव खेला, तो बीजेपी ने उम्मीदवार बदलते हुए नए चेहरे और पूर्व जिला अध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड़ को मैदान में उतार कर मुकाबला रोचक बना दिया.

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बीजेपी का चुनाव चिन्ह (PTI) बीजेपी का चुनाव चिन्ह (PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

मेवाड़, मारवाड़ और मगरा मेरवाड़ा की सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत को ध्यान में रखते हुए राजसमंद लोकसभा क्षेत्र का गठन साल 2008 के परिसीमन में हुआ. मेवाड़, मारवाड़ के 4 जिले-राजसमंद, नागौर, पाली और अजमेर में 467 किलोमीटर क्षेत्र में फैली राजसमंद लोकसभा सीट पर अब तक हुए 2 लोकसभा चुनाव में 1 बार कांग्रेस और 1 बार बीजेपी का कब्जा रहा.

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2014 के लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने एक बार फिर अपने सांसद गोपालसिंह शेखावत पर दांव खेला, तो बीजेपी ने उम्मीदवार बदलते हुए नए चेहरे और पूर्व जिला अध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड़ को मैदान में उतार कर मुकाबला रोचक बना दिया लेकिन मोदी लहर में कांग्रेस के बड़े-बड़े धुरंधरों समेत गोपाल सिंह शेखावत भी चुनाव हार गए. इस सीट पर सर्वाधिक मतदाता राजपूत जाति से हैं इसके बाद दूसरे नंबर पर रावत समाज के मतदाता हैं जो यहां का सांसद चुनने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

परिसीमन के बाद बने इस नए संसदीय क्षेत्र में साल 2009 में हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस ने राजपूत कार्ड खेलते हुए सामान्य कार्यकर्ता गोपाल सिंह शेखावत को उम्मीदवार बनाया. तो वहीं बीजेपी ने रावत समाज से अजमेर के तत्कालीन सांसद रासा सिंह रावत को टिकट थमाया. इस चुनाव में गोपालसिंह शेखावत ने बीजेपी सांसद को शिकस्त दी.

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इस बार के लोकसभा चुनाव में 10 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें पांच निर्दलीय है. कांग्रेस ने देवकीनंदन उर्फ काका को टिकट दिया है. बीजेपी की ओर से दीया कुमारी, बीएसपी की ओर से छेनाराम, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से चंद्रप्रकाश तंवर और इंडियन पीपल्स ग्रीन पार्टी की ओर से मिश्री काथट मैदान में हैं.  

लोकसभा राजसमंद, पाली, अजमेर और नागौर जिले में फैली है. लिहाजा अलग अलग क्षेत्रों में अलग-अलग जातियों का प्रभाव है. जैसे- नागौर के इलाके में जाट, अजमेर के इलाके में रावत समाज का प्रभाव ज्यादा है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 25,17,685 है, जिसका 81.94 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण और 18.06 फीसदी हिस्सा शहरी है. वहीं कुल आबादी का 16.09 फीसदी अनुसूचित जाति और 6.61 फीसदी अनुसूचित जनजाति हैं. 2014 के आंकणों के मुताबिक राजसमंद सीट पर मतदाताओं की संख्या 16,99,401 है, जिसमें 8,79,526 पुरुष और 8,19,875 महिला मतदाता हैं.

राजसमंद लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 8 सीटों में राजसमंद जिले की 4 विधानसभा-भील, राजसमंद, कुंभलगढ़, नाथद्वारा. नागौर जिले की मेड़ता और डेगाना, अजमेर की ब्यावर और पाली जिले की जैतारण विधानसभा सीट शामिल है. दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस 8 विधानसभा सीटों में 4 पर बीजेपी, 3 पर कांग्रेस और 1 पर आरएलपी ने जीत दर्ज की.

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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राजसमंद सीट पर 57.8 फीसदी मतदान हुआ था, जिसमें बीजेपी के पक्ष में 65.7 फीसदी और कांग्रेस के पक्ष में 25.4 फीसदी वोट पड़े. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार हरिओम राठौड़ ने कांग्रेस सांसद गोपाल सिंह शेखावत को 3,95,705 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. जहां बीजेपी से हरिओम राठौड़ को 6,44,794 वोट और कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को 2,49,089 वोट मिले.

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