Nashik Lok Sabha Chunav Result 2019: शिवसेना का फिर परचम, हेमंत गोडसे ने दोहराई जीत

Lok Sabha Chunav Nashik Result 2019 : महाराष्ट्र की नासिक लोकसभा सीट पर शिवसेना ने एक बार फिर कब्जा किया है. गुरुवार को हुई मतगणना के नतीजों में पार्टी ने यहां से शानदार जीत दर्ज की है. शिवसेना के हेमंत गोडसे ने अपनी सीट पर जीत दोहराई है.

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Nashik Lok Sabha Election Result 2019 : मतगणना केंद्र (फाइल फोटो- गैटी इमेजज्) Nashik Lok Sabha Election Result 2019 : मतगणना केंद्र (फाइल फोटो- गैटी इमेजज्)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2019,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

महाराष्ट्र की नासिक लोकसभा सीट पर शिवसेना ने एक बार फिर कब्जा किया है. गुरुवार को हुई मतगणना के नतीजों में पार्टी ने यहां से शानदार जीत दर्ज की है. शिवसेना के हेमंत गोडसे ने अपनी सीट पर जीत दोहराई है. उन्होंने एनसीपी के समीर भुजबल को हराया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार शिवसेना प्रत्याशी हेमंत गोडसे ने एनसीपी उम्मीदवार समीर भुजबल को 2 लाख 92 हजार 204 वोटों के अंतर से हराया.

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कब और कितनी हुई वोटिंग

इस सीट पर चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को वोड डाले गए. चुनाव आयोग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, नासिक लोकसभा सीट पर 57.77 फीसदी मतदान हुआ.

कौन-कौन  हैं  प्रमुख  उम्मीदवार

इस सीट पर कुल 18 उम्मीदवार मैदान में हैं. शिवसेना से सांसद हेमंत गोडसे दूसरी बार मैदान में हैं, जबकि एनसीपी समीर भुजबल मैदान में हैं. नासिक सीट पर पिछले चुनाव में दिलचस्प मुकाबला हुआ था

2014  का  चुनाव

महाराष्ट्र की नासिक लोकसभा सीट पर साल 2014 में 58.41 फीसदी वोटिंग हुई थी, जबकि इससे पहले 2009 के चुनाव में यहां महज 45.50 फीसदी वोट पड़े थे.

सामाजिक  ताना-बाना

नासिक लोकसभा सीट के अंतर्गत सिन्नर और देवलाली में शिवसेना है. जबकि नासिक पूर्व, नासिक मध्य, नासिक पश्चिम में बीजेपी. वहीं इकलौती इगतपुरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा है.

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सीट का इतिहास

नासिक लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1952 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 में भाउराव किशनजी गायकवाड़ शेड्यूल कास्ट फेडरेशन से चुनाव जीते. 1962 में दोबारा जी. एच देशपांडे चुनाव जीतकर सांसद बने. लेकिन उनके निधन के बाद 1963 में यहां दोबारा उपचुनाव हुए. यशवंत राव चव्हाण सांसद चुने गए.

1967 में बी. आर कवाडे सांसद बने, वो 1971 में दोबारा जीते. कांग्रेस के जीत का सिलसिला 1977 में विट्ठल राव हांडे ने तोड़ा. 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की. प्रताप राव वाघ सांसद बने. उनके बाद 1984 में मुरलीधर माने कांग्रेस से चुनाव जीते.

नासिक लोकसभा सीट पर पहली बार बीजेपी ने 1989 में जीत हासिल की. दौलतराव अहेर सांसद चुने गए. 1990 के दशक में कांग्रेस की पकड़ नासिक लोकसभा सीट पर कमजोर पड़ने लगी. जिसका असर 1996 के लोकसभा चुनाव में दिखाई दिया. यहां शिवसेना ने पहली बार जीत हासिल की. राजाराम गोड़से सांसद चुने गए. लेकिन 1998 के चुनाव में कांग्रेस की वापस एंट्री हुई और माधव पाटिल चुनाव जीते.

इसके बाद नासिक लोकसभा सीट पर कांग्रेस का यहां से पूरी तरह सफाया हो गया. 1999 में शिवसेना के उत्तमराव धिकाले चुनाव जीते. फिर 2004 में एनसीपी यहां पहली बार सत्ता में आई. देविदास आनंदराव पिंगले चुनाव जीते.

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2009 में एनसीपी दोबारा चुनाव जीतने में कामयाब रही. छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल सांसद बने. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद शिवसेना के हेमंत गोडसे यहां जीते.

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