लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुटता और विपक्षी ताकत दिखाने के लिए आज कोलकाता में महारैली हुई जिसमें करीब 22 पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की. विपक्ष की इस एकजुटता पर बीजेपी सांसद परेश रावल ने तंज कसा है. परेश रावल ने कहा कि महागठबंधन में प्रधानमंत्री पद के इतने सारे दावेदार हैं कि सिर्फ कुर्सी से काम नहीं चलेगा, बल्कि खटिया बिछानी पड़ेगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में यूनाइटेड इंडिया रैली के आयोजन की लंबे समय से तैयारी कर रही थीं. शनिवार को इस रैली में कई दलों के नेता एक मंच पर पहुंचे और यह साबित कर दिया कि नरेंद्र मोदी को वो सब मिलकर चुनौती देंगे, साथ ही यह भी साफ हो गया कि यह चुनाव 2014 की तरह एकतरफा नहीं होने वाले.
शनिवार को हुई इस रैली में ना केवल विपक्षी दल के नेता बल्कि भारतीय जनता पार्टी के तीन नेता भी पहुंचे. इस रैली में बीजेपी के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा, अरुण शौरी और बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा भी पहुंचे. इस दौरान सभी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
शत्रुघ्न सिन्हा ने राफेल और नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अटल जी के जमाने में लोकशाही थी जबकि इस जमाने में तानाशाही है. यह नहीं चलेगा. यह देश की जनता के साथ ज्यादती है. रातों रात तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया. आपने नोटबंदी की घोषणा कर दी, लेकिन क्या कभी सोचा कि इससे किसानों, मजदूरों और युवाओं पर क्या असर पड़ेगा? बगैर किसी से सलाह लिए आपने यह किया.
वहीं अरुण शौरी ने राफेल पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि देश में अब तक ऐसी सरकार नहीं आई, जिसने इतना झूठ बोला हो. नोटबंदी का आइडिया किसी ने नहीं दिया. सीबीआई विवाद भी सबके सामने है. इस सरकार को तो जाना ही चाहिए.
यशवंत सिन्हा ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए यहां खड़े हैं, मोदी मुद्दा नहीं हैं, मुद्दे मुद्दा है. देश की आर्थिक व्यवस्था चौपट हो चुकी है. यह सरकार आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है.
बता दें कि ममता बनर्जी के अनुसार इस महारैली में 23 से 26 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए. पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर के नेता एचडी देवेगौड़ा शामिल हुए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित 4 राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे जिनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं.
इनके अलावा छह पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, बाबूलाल मरांडी, हेमंत सोरेन और कुछ दिन पहले बीजेपी छोड़ने वाले गेगांग अपांग भी रैली में पहुंचे.
विपक्षी दलों की इस रैली में 9 पूर्व केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए. मल्लिकार्जन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी, अजित सिंह, शरद पवार, शरद यादव के अलावा बीजेपी के 3 बागी नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ राम जेठमलानी भी यहां पहुंचेय
इनके अलावा, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, हार्दिक पटेल और दलित नेता विधायक जिग्नेश मेवानी भी यहां मंच पर नजर आए.
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